डेयरी शिफ्टिंग में बचे सात दिन, 250 में से सिर्फ 66 ने ही भरे पैसे

शहर के डेयरी मालिकों को गांव अबलोवाल स्थित डेयरी प्रोजेक्ट पर शिफ्ट होने के लिए निगम ने 30 सितंबर तक का समय दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:54 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:54 PM (IST)
डेयरी शिफ्टिंग में बचे सात दिन, 
250 में से सिर्फ 66 ने ही भरे पैसे
डेयरी शिफ्टिंग में बचे सात दिन, 250 में से सिर्फ 66 ने ही भरे पैसे

जागरण संवाददाता, पटियाला : शहर के डेयरी मालिकों को गांव अबलोवाल स्थित डेयरी प्रोजेक्ट पर शिफ्ट होने के लिए निगम ने 30 सितंबर तक का समय दिया है। डेडलाइन में सिर्फ सात दिन बचे हैं और अब तक निगम के पास 250 में से सिर्फ 66 डेयरी मालिकों ने डेयरी प्रोजेक्ट पर जगह लेने के लिए पैसे भरे हैं। इनमें से भी 15 डेयरी मालिकों ने पैसे वापस लेने के लिए निगम को नोटिस भी भेजा है। इस बारे में निगम का कहना है कि आगामी 30 सितंबर के बाद डेयरी मालिकों के खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उधर, निगम अधिकारियों का कहना है कि 66 के बाद 60 अन्य डेयरी मालिकों के आवेदन आए हैं। वेरिफाई किया जा रहा है। देखा जा रहा है कि आवेदनकर्ता डेयरी मालिकों के पास कितने पशु हैं। निगम के पास आवेदन आए 20 दिन से ज्यादा का समय हो चुका है। बावजूद इनमें से अब तक एक ने भी पैसे नहीं जमा करवाए हैं।

उधर, प्रधान किरपाल सिंह व दविदर सिंह ने कहा कि नगर निगम डेयरी मालिकों को जबरन शहर से बाहर निकालना चाहता है। उन्होंने कहा कि डेयरी प्रोजेक्ट वाली जगह पर निगम ने न वेटनरी सेंटर, न कैटल पोंड न कोई गोबर गैस प्लांट लगाया है। वहीं, मिल्ककलेक्शन सेंटर भी नहीं बनाया है। इसके अलावा भी प्रोजेक्ट वाली जगह पर कई और सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में वे वहां क्यों शिफ्ट हों। 50 से ज्यादा डेयरी मालिकों के चालान काटे

लैंड ब्रांच के सुपरिंटेंडेट सुरजीत सिंह चीमा ने कहा कि शहर में डेयरी वालों के कारण सीवरेज जाम की समस्या रहती है। डेयरी मालिक गोबर को सीवरेज में डाल देते हैं। उन्होंने कहा कि अब तक 50 से ज्यादा डेयरी मालिकों के चालान किए जा चुके हैं। वहीं, जिन डेयरी मालिकों ने अपने पैसे वापस लेने के लिए निगम को नोटिस भेजा था, उन्हें जवाब दे दिया गया है कि डेयरी प्रोजेक्ट वाली जमीन न हड्डारोड़ी और न ही श्मशानघाट वाली है। हाई कोर्ट भी निगम के हक में फैसला दे चुकी है। जो डेयरी मालिक 30 सितंबर के बाद शहर से बाहर नहीं जाएंगे, उनके खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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