साइबर क्राइम करने वालों ने बदले ठगी के तरीके

बैंकों व पुलिस प्रशासन की ओर से इंटरनेट बैंकिंग को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Sep 2021 07:57 AM (IST) Updated:Mon, 06 Sep 2021 07:57 AM (IST)
साइबर क्राइम करने वालों ने बदले ठगी के तरीके
साइबर क्राइम करने वालों ने बदले ठगी के तरीके

प्रेम वर्मा, पटियाला

बैंकों व पुलिस प्रशासन की ओर से इंटरनेट बैंकिंग को लेकर लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। उन्हें किसी के साथ भी ओटीपी शेयर नहीं करने की अपील की जा रही है। ऐसे में आम लोग तो सतर्क हुए ही हैं, साइबर क्राइम करने वाले भी सतर्क हो गए हैं। उन्होंने दिन प्रतिदिन बदल रही तकनीक को देखते हुए लोगों को ठगने का अपनी तरीका भी बदल लिया है। इन अपराधियों ने कोविड के दौरान आर्थिक मंदी के शिकार हुए लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया है। लोगों के मोबाइल पर दस हजार से लेकर 50 हजार रुपये के छोटे लोन तुरंत मंजूर होने के मैसेज के साथ लिंक भेजकर इसमें डिटेल्स भरवाते हैं। लिंक को क्लिक करके उसमें डिटेल्स भरते ही लोगों के खाते से पैसे कट जाते हैं। जिला पुलिस के साइबर क्राइम सेल के पास हर महीने ऐसी करीब 100 शिकायतें पहुंच रही हैं, जिनमें से लोगों को मैसेज में लिंक भेजकर ठगा जा रहा है।

इसके अलावा भी साइबर क्राइम करने वाले अन्य तरीकों से भी ठग रहे हैं। इनमें लोगों के फेसबुक अकाउंट की कापी करके नया अकाउंट बनाते हैं और असली फेसबुक आकाउंट वाले के दोस्तों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने के साथ ही विभिन्न बहाने बनाते हुए पैसों की मांग की जाती है। इसके बाद अपना गूगल पे, पेटीएम, यूपीआइ पेमेट व अन्य आनलाइन एप के जरिए पैसे ट्रांसफर करने को कहा जाता है। ईमेल के जरिए ठगी

अक्सर ही ईमेल में विदेशी ईमेलआइडी से हेलो व हाय का मैसेज आता है, जिसके साथ चैटिग शुरू करते ही उक्त ईमेल भेजने वाला कहता है कि वह विदेश में रिफ्यूजी कैंप में है और बैंक में बड़ी अमाउंट पड़ी है। इस अमाउंट को आपके खाते में ट्रांसफर करने के लिए डिटेल्स लेते हैं और भरोसा बनाने के लिए अपनी आकर्षक तस्वीरें फोन नंबर पते के साथ भेजते हैं। इसके बाद अमाउंट ट्रांसफर फीस के बहाने आपके खाते से ही पैसे ठग लेते हैं। मंहगी वस्तु सस्ती देने के बहाने ठगी

लोग अक्सर ही पुराने व सस्ते के चक्कर में आनलाइन पुरानी चीजें बेचने वाली साइट की मदद लेते हैं। यहां पर साइबर अपराधियों की भी मौजूदगी होती है, जो व्हीकल, घरेलू सामान व अन्य चीजें नई और पुराने को सस्ती कीमत पर बेचने का विज्ञापन अपलोड करके शिकार की तलाश में रहते हैं। जैसे ही लोग इन्हें खरीदने के लिए संपर्क करने के बाद सस्ता होने का कारण पूछते हैं तो खुद को आर्मीमैन कहते हुए ट्रांसफर होने की बात कहते हैं। ऐसे में वह नई पोस्टिग पर जाने के लिए तुरंत सामान सस्ता बेचने का कारण बता देते हैं, जिसके बाद एडवांस और पेमेंट के बहाने ठगी करते हैं। भरोसा हासिल करने के लिए आर्मी के फेक आइडी कार्ड भी भेजते हैं। साइबर अपराध करने वालों ने ठगी के नए-नए तरीके अपनाए हैं, लोगों की शिकायतों के बाद इन ठगी के तरीकों का खुलासा होता है। साइबर क्राइम सेल की तरफ से लोगों की मदद करके उनका पैसा लौटाने की कोशिश होती है लेकिन लोगों को खुद भी जागरूक होना होगा। पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए लगातार जुटी हुई है। साइबर अपराध करने वाले इंटरनेट पर अपनी अच्छी पकड़ व जानकारी की आड़ में लोगों को ठगते हैं, ऐसे में लोगों को भी सचेत रहना होगा।

प्रीतपाल सिंह, इंचार्ज, साइबर क्राइम सेल।

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