कच्चे मुलाजिमों ने पक्की नौकरी के लिए घेरा सिद्धू का आवास
सीएम पद से कैप्टन अमरिदर सिंह के इस्तीफे के बाद पटियाला में प्रदर्शनकारियों ने भी प्रदर्शन का रुख बदल दिया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : सीएम पद से कैप्टन अमरिदर सिंह के इस्तीफे के बाद पटियाला में प्रदर्शनकारियों ने भी प्रदर्शन का रुख बदल दिया है। रविवार को राज्यभर से पहुंचे कच्चे मुलाजिमों और मान-भत्ता वर्करों ने सीएम निवास के घेराव का एलान किया था, लेकिन बदले हालात के मद्देनजर प्रदर्शनकारियों ने पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू का घर घेरने का एलान कर दिया। इसी के तहत प्रदर्शनकारी पुडा ग्राउंड से रोष मार्च करते हुए गुरुद्वारा श्री दुख निवारण साहिब से रेलवे स्टेशन, शेरां वाला गेट से होते हुए नवजोत सिंह सिद्धू के यादविदरा कालोनी स्थित घर के बाहर पहुंचे। जहां पहले से तैनात पुलिस ने कालोनी के दरवाजे बंद करके प्रदर्शनकारियों को नवजोत सिंह सिद्धू के घर के बाहर जाने से रोक लिया। इससे भड़के मुलाजिमों ने वहीं धरना लगाकर नारेबाजी शुरू कर दी। इसके उपरांत मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने 24 सितंबर को कांग्रेस, पंजाब प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मीटिग के मिले भरोसे बाद में धरना समाप्त कर किया।
मोर्चा के नेताओं लखविदर कौर फरीदकोट, परमजीत कौर मान, रछपाल सिंह, प्रवीण शर्मा, जसविदर कौर, किरनजीत कौर मोहाली, गुरप्यार सिंह, किरनपाल कौर ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से कच्चे मुलाजिमों को रेगुलर न किये जाने और मानभत्ता वर्करों और कम से कम वेतन कानून लागू ना किए जाने के कारण पंजाब के मुलाजिमों में रोष की लहर है। मोर्चा में ये यूनियनें रहीं शामिल
जंगलात वर्कर, एनएचएम में काम करती स्टाफ नर्सें, कांटै्रक्ट मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर, एसएसए मिड-डे मील के अधीन काम करते नान टीचिग स्टाफ, कस्तूरबा गांधी होस्टलों के मुलाजिम, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के आदर्श स्कूलों के मुलाजिमों समेत समूह कच्चे, ठेका आधारित और आउटसोर्स मुलाजिम, मानभत्ते अधीन काम करती मिड-डे मील वर्कर, आशा वर्कर और फैसिलिटेटर। कैप्टन के इस्तीफे के बाद किया स्यापा
कैप्टन अमरिदर सिंह के सीएम पद से इस्तीफे के बाद प्रदर्शनकारियों ने पुडा ग्राउंड स्थित धरनास्थल पर कैप्टन अमरिदर सिंह की अर्थी सजाकर जहां स्यापा किया। वहीं व्यंगात्मक ढंग से कहा.. कैप्टन जांदा जांदा साडा तां कुछ सोच लैंदा। जे साडा कुझ सोचेया हुंदा तां कुड़ियां दे श्राप नाल तेरी कुर्सियां दे चारे पैर न टुटदे।