कंप्यूटर अध्यापकों ने दी सीएम आवास के घेराव की चेतावनी
रेगुलर करने का भरोसा देने के बावजूद पिछले दस साल से रेगुलर न करने के रोष में राज्य भर के करीब सात हजार कंप्यूटर अध्यापकों ने राज्य स्तरीय प्रदर्शन की तैयारी कर ली है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : रेगुलर करने का भरोसा देने के बावजूद पिछले दस साल से रेगुलर न करने के रोष में राज्य भर के करीब सात हजार कंप्यूटर अध्यापकों ने राज्य स्तरीय प्रदर्शन की तैयारी कर ली है। कंप्यूटर अध्यापक यूनियन ने प्रदर्शन संबंधी अपनी रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ सरकार को जल्द रेगुलर न करने पर सीएम आवास के घेराव की चेतावनी दी है। वीरवार को यूनियन के प्रांतीय प्रधान परमवीर सिंह के नेतृत्व में प्रदेश समिति से मीटिग करके अगली रणनीति संबंधी चर्चा भी की। नेताओं ने कहा कि सात हजार कंप्यूटर अध्यापकों ने पिछले चार सालों से राज्य सरकार की तरफ से रेगुलर करने के भरोसे दिए जा रहे हैं, लेकिन रेगुलर नहीं किया जा रहा। समिति के अधिकारियों ने बताया कि पिछले समय के दौरान राज्य के विभिन्न जिलों में अलग-अलग कारणों से कई कंप्यूटर अध्यापकों की मृत्यु हो गई, लेकिन विभाग ने उनके परिवार को नौकरी नहीं दी गई। नेताओं ने बताया कि इस मीटिग में सूबा स्तरीय संघर्ष की रूप रेखा तैयार की गई है जिसके पहले पड़ाव में ब्लाक और तहसील स्तर पर संघर्ष की शुरुआत करते हुए अलग अलग साधनों के द्वारा कोविड नियमों का पालन करते हुए अपना रोष दर्ज करवाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जहां दूसरे कर्मचारियों को बीमार होने पर इलाज के लिए सरकार द्वारा मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा दी जाती है वहीं कंप्यूटर अध्यापकों को इस जरूरी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है। शिक्षा विभाग की ड्यूटी के साथ-साथ अब प्रशासन की तरफ से उनकी ड्यूटी कोरोना संबंधी डाटा एंट्री, नाकों, चेक पोस्टों पर लगाई जा रही है। ऐसे में यदि वह वायरस की चपेट में आ गए तो इसके लिए क्या कोई अधिकारी जिम्मेदारी लेगा। ये हैं यूनियन की मुख्य मांगें
- कंप्यूटर अध्यापकों को उनका बनता ग्रेड देते हुए उनके सभी लाभ बहाल करना
- मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा बहाल करना
- 2016 से रोका गया आईआर देना
- मृतक कंप्यूटर अध्यापकों के आश्रितों को बिना देरी नौकरी देना।