सीएम साहब : फोकल प्वाइंट के बदतर हालात भी देखें

पटियाला मुख्यमंत्री साब जिस नए बस स्टैंड का शिलान्यास आज किया जाना है उसके तीन किलोमीटर के दायरे में फोकल प्वाइंट है यहां पर आकर भी बदतर हालातों को देखें।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 07:26 PM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:44 AM (IST)
सीएम साहब : फोकल प्वाइंट के बदतर हालात भी देखें
सीएम साहब : फोकल प्वाइंट के बदतर हालात भी देखें

जागरण संवाददाता, पटियाला : मुख्यमंत्री साब, जिस नए बस स्टैंड का शिलान्यास आज किया जाना है, उसके तीन किलोमीटर के दायरे में फोकल प्वाइंट है, यहां पर आकर भी बदतर हालातों को देखें। सस्ती बिजली के वादे पूरे नहीं हो पाए थे कि कोविड 19 के दौरान बंद पड़ी इंडस्ट्री पर भारी भरकम बिलों का बोझ डाल दिया है। ऐसे में कई फैक्ट्री मालिक तो काम छोड़ चुके हैं, बाकी इंडस्ट्रियलिस्ट्स जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं। उक्त चर्चा करते हुए फोकल पाइंट इंडस्ट्री एसोसिएशन के मेंबरों ने शनिवार को सीएम दौरे से पहले मीटिग में मुख्यमंत्री से फोकल पाइंट का दौरा करने की मांग की। एसोसिएशन के प्रधान अश्वनी गुप्ता ने कहा कि सरकार के कार्यकाल के तीन साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इंडस्ट्री सेक्टर को लेकर कोई डवलपमेंट नहीं की गई है। ऐसे में उनकी एसोसिएशन मुख्यमंत्री से मीटिग रखे जाने की मांग करती है और इंडस्ट्री को राहत देने का मांगपत्र सौंपने की तैयारी में है। इस मीटिग में प्रधान अश्वनी गुप्ता, वाइस चेयरमैन अरूण गुप्ता, राहुल तायल, राजीव गर्ग, आदर्शपाल सिंह सोढी, प्रदीप मल्होत्रा व अन्य मेंबर मौजूद रहे।

बिजली व ट्रांसपोर्ट सिस्टम बेहतर करे सरकार

प्रधान अश्वनी गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार ने बिजली सस्ती देने का वादा किया था, लेकिन इस सस्ती बिजली का फायदा सिर्फ बड़ी व नई खुलने वाली फैक्ट्रियों तक सीमित रह गया है। पुरानी इंडस्ट्री तो इस समय दस रुपये प्रति यूनिट तक बिजली बिल का भुगतान कर रही है। इस समस्या को लेकर तीन सालों में कई बार पावरकाम के अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन देकर टालमटोल कर दिया जाता है। कोविड 19 के दौरान फैक्ट्रियां पूरी तरह से बंद रही थी, जिस दौरान बिजली बिल व टैक्स लगाकर फैक्ट्री मालिकों पर बोझ डाला गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री से मांग है कि कोविड 19 के जिस समय के दौरान फैक्ट्रियां बंद थी, तब के समय के बिजली बिलों को माफ किया जाएगा। इस समय फैक्ट्रियों में लेबर की कमी हो रही है, ऐसे में ट्रांसपोर्ट सिस्टम बहाल करके राहत दी जाए।

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