मझालकलां में रंजिशन दो गुटों में हुई झड़प, चौकी इंचार्ज, उसके भाई समेत तीन जख्मी
देवीगढ़ रोड स्थित गांव मझालकलां में रंजिशन दो गुटों में मंगलवार को झड़प हो गई।
जागरण संवाददाता, पटियाला : देवीगढ़ रोड स्थित गांव मझालकलां में रंजिशन दो गुटों में मंगलवार को झड़प हो गई। झड़प में चौकी भुन्नरहेड़ी के इंचार्ज व उसके भाई सहित तीन लोग जख्मी हो गए, जिन्हें राजिंदरा अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। घटना मंगलवार देर रात करीब दस बजे की बताई जा रही है। वहीं, चौकी इंचार्ज पर घर में घुसकर हमला करने व अस्पताल में दाखिल दूसरे गुट पर दबाव बनाकर दाखिल न होने देने और धमकियां भी देने का आरोप लगे हैं। थाना सदर पुलिस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल किसी भी गुट पर केस दर्ज नहीं हुआ था। जख्मियों में चौकी इंचार्ज चमन लाल के अलावा उसके भाई मदन गोपाल व दूसरे गुट के राजिदरपाल शर्मा का नाम शामिल है। वहीं, चौकी इंचार्ज एएसआइ चमन लाल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि उनके भाई मदन गोपाल की हालत गंभीर बनी हुई है। भाभी गांव की सरपंच है और यह विरोधी गुट के लोग हैं। ऐसे में रंजिशन उनके भाई व परिवार पर हमला करने के बाद झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। यहां तक कि उन्हें गुंडा व भ्रष्ट होने के आरोप लगाते हुए वीडियो वायरल किए हैं, जिस संबंध में वह कानूनी कार्रवाई की मांग करेंगे।
घटना के अनुसार मझालकलां निवासी मदन गोपाल की पत्नी गांव की सरपंच है जबकि मदन का भाई एएसआइ चमन लाल चौकी भुन्नरहेड़ी में तैनात है। दोनों परिवारों में तीन दशक से पुरानी रंजिश चल रही है, जिस वजह से अक्सर दोनों गुटों में तकरार हो जाती है। करीब छह महीने पहले राजिंदरपाल ने आरोप लगाया था कि चमन लाल की भाभी मनमर्जी करके गांव की सरकारी जमीन से मिट्टी निकलवा रही है। इसकी वीडियो भी वायरल हुई थी, जिसके बाद प्रशासनिक जांच शुरू हुई। एएसआइ ने दावा किया था कि गांव के विकास कार्य रुकवाने के लिए दूसरे गुट ने ऐसा किया है। चमन लाल ने कहा कि तीन दशक पहले दूसरे गुट के लोगों ने उसके रिश्ते में लगते एक भाई का कत्ल कर दिया था लेकिन समझौता होने पर केस दर्ज नहीं किया था। तब से ही दूसरा गुट उनसे रंजिश रखता है और अक्सर ही शिकायतें व तकरार की स्थिति बनी रहती है। चमन लाल ने कहा कि मंगलवार को भी इसी रंजिश के चलते दूसरे गुट ने हमला किया था। मेरी जान को है खतरा : राजिदरपाल शर्मा
राजिदरपाल शर्मा ने कहा कि उन पर चमन लाल व उनके परिवार ने पहले हमला किया था, जिस वजह से उन्हें अपनी जान बचानी मुश्किल हो गई है। रात को अस्पताल में दाखिल होने पर पहुंचे तो यहां पर भी मुलाजिमों के जरिए धमकियां दी। ऐसे में उनकी जान को खतरा है और वह सीनियर पुलिस अधिकारियों से जांच की मांग करते हैं।