भारतीय जागरण पंथ की असमानता दूर करेगा ग्रंथ
मां भगवती के जागरण के दौरान परंपराओं का उल्लंघन दूर करने के लिए अखिल भारतीय जागरण सुधार मंडल ने एक ग्रंथ तैयार किया है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : मां भगवती के जागरण के दौरान परंपराओं का उल्लंघन दूर करने के लिए अखिल भारतीय जागरण सुधार मंडल ने एक ग्रंथ तैयार किया है। इसके जरिए भगवती जागरण करने वाली मंडलियां अपनी गलतियों को सुधार सकेंगी। ग्रंथ हस्तलिखित तैयार हो गया है और मंडल इसे जल्द प्रिट करवाएगा। इस कार्य में मंडल के सदस्य काफी लंबे समय से लगे हुए हैं।
अखिल भारतीय जागरण सुधार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अश्वनी शर्मा ने बताया कि वे न केवल पंजाब बल्कि अन्य प्रदेशों में जागरण में गए हैं। कई स्थानों पर हुए जागरण में खासकर तारा रानी व रुकमणि की कथा में अलग-अलग बातें सामने आईं हैं। इसके अलावा जागरण का भवन लगाने का तरीका, भवन में मूर्तियों को तरीके से न लगाना, नशीली सामग्री का इस्तेमाल करने वाले झाकियों में शामिल हो रहे हैं, सहित अनजान लोग जागरण करने के काम में लगे हुए हैं।
ऐसे में जगतगुरु पंचानंद गिरी की देखरेख में मंडल की पंजाब टीम ने पूर्ण तरीके व रीति से जागरण की जानकारी देने के लिए एक ग्रंथ तैयार किया है जो भारतीय जागरण पंथ की असमानता दूर करेगा। इसके लिए संतों-महंतों के साथ साथ पुराने धार्मिक ग्रंथों से जानकारी ली है। इसके अलावा जागरण मंडल संचालकों ने विधि से जागरण करने के लिए अलग-अलग पौराणिक व ऐतिहासिक स्थलों एवं शक्ति पीठों की यात्रा की है। पंडित अश्वनी बताते हैं कि यह ग्रंथ लोगों तक सही जानकारी पहुंचाएगा। इस काम में उनके साथ करनाल से विजय मेहरा, अबोहर से पंडित इंद्रजीत कालिया, संगरूर से पंडित शिव अंबालावी, चरणजीत चन्नी, पंडित नरेश शर्मा, विमल कुमार, बलविदर के साथ जयदीप नाहनी भी सहयोगी हैं।