आशा वर्करों ने पांच रुपये इंसेटिव का किया बायकाट
सरकार के पांच रुपये इनसेंटिव से आशा वर्कर नाराज हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाब सरकार ने टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने के मद्देनजर कैंपों में लोगों को लेकर आने के लिए आशा वर्करों को कहा है। बदले में उन्हें प्रति व्यक्ति पांच रुपये भत्ता देने की बात कही है। उक्त भत्ते को लेने के लिए आशा वर्कर राजी नहीं है। इसका कारण यह है कि वे जिन लोगों को कैंपों में लेकर आते हैं तो कैंप लगाने वाले कहते हैं कि लोगों को वे खुद बुलाकर टीका लगवा रहे हैं तो आशा वर्करों का इसमें कोई योगदान नहीं है।
इस बाबत आशा वर्कर यूनियन की प्रधान संतोष रानी ने बताया कि वे दुविधा में हैं कि जिन लोगों को वे कैंप में लेकर आएंगी तो उसका रिकार्ड कैसे रखा जाएगा। वहीं, पांच रुपये भत्ता काफी कम है। ये भी नहीं पता कि आने वाले समय में सरकार ये देगी भी या नहीं। उन्हें कैंप लगाने को भी कहा जा रहा है। इसके लिए उन्होंने सिविल सर्जन को मांगपत्र देकर कहा है कि कम से कम 200 रुपये प्रति कैंप दिया जाए।
उधर, जिले में करीब 250 एएनएम भी टीकाकरण अभियान में उनकी ड्यूटी लगाने से नाराज हैं। प्रधान अनीता का कहना है कि अभियान में उनकी ड्यूटी लगाई जा रही है लेकिन उन्हें भत्ता नहीं दिया जा रहा है। आरोप लगाया कि उनके स्थान पर टीका लगाने वाले बाहरी लोगों को लाकर उन्हें 500 रुपये प्रति कैंप भत्ता दे देंगे लेकिन उन्हें नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में सिविल सर्जन को मिलकर अपनी मांग रखेंगी।