हाउस मीटिग से पहले एफएंडसीसी सदस्यों की नियुक्ति असंवैधानिक : पूर्व मेयर
पूर्व मेयर अनिल वासुदेवा ने वीरवार को पत्रकारों के साथ वर्चुअल मीटिग कर निगम की एफएंडसीसी (फाइनांस एंड कांट्रेक्ट कमेटी) के गठन को असंवैधानिक करार दिया।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : पूर्व मेयर अनिल वासुदेवा ने वीरवार को पत्रकारों के साथ वर्चुअल मीटिग कर निगम की एफएंडसीसी (फाइनांस एंड कांट्रेक्ट कमेटी) के गठन को असंवैधानिक करार दिया। पूर्व मेयर ने कहा कि पार्षद बनने के बाद पहले शपथ होती है और इसी दौरान मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव करवाया जाता है, जिसके बाद हाउस की मीटिग होती है। हाउस की मौजूदगी में एफएंडसीसी सदस्यों का चयन होता है क्योंकि, शहर के विकास कार्यों में यह एक महत्वपूर्ण कमेटी होती है। लिहाजा, इसे सार्वजनिक करना चाहिए था। बिना हाउस के कांग्रेस ने यह गलत किया है। पूर्व हाउस के वक्त जब उन्होंने जब एफएंडसीसी का गठन किया था तो कांग्रेस पार्षदों ने बड़ा हल्ला मचाया था कि उसमें कांग्रेस के पार्षद भी होने चाहिए, लेकिन कांग्रेस भी तो आज उन्हीं के पद चिन्हों पर चल पड़ी है, लेकिन उन्होंने एफएंडसीसी के सदस्यों को हाउस की मीटिग के बाद मनोनीत किया था। पूर्व मेयर ने कहा कि बेशक पिछले करीब एक वर्ष से हाउस नहीं था जिसकी गैर मौजूदगी में कमिश्नर सारे फैसले ले सकते हैं, लेकिन आज शहर के मुख्य द्वार व अन्य कई निर्माण कार्य शुरू करवाए जा रहे हैं। उक्त सभी कार्यों को हाउस में लाया जाता और सभी पार्षदों की मौजूदगी में बताया जाता ताकि शहरवासियों को पता चलता कि कौन-कौन से कार्य हो रहे हैं।
पूर्व मेयर अनिल वासुदेवा ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस के नेता शहर में चल रहे विकास कार्यों का नींव पत्थर रखकर अपनी वाहवाही लूट रही है, लेकिन जनता को पता है कि यह काम किनके समय में पारित हुए हैं। अगले साल विधान सभा चुनाव होने है जिसमें जनता अपना फैसला सुना देगी।