सेहत केंद्र में तैनात एएनएम घर में चला रही थी भू्रण जांच केंद्र, 40 से 50 हजार लेते थे, चार काबू

पटियाला पटियाला पुलिस ने अल्ट्रासाउंड सेंटर में छापेमारी कर भू्रण जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है और चार लोगों को काबू किया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 07:07 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:00 AM (IST)
सेहत केंद्र में तैनात एएनएम घर में चला रही थी भू्रण जांच केंद्र, 40 से 50 हजार लेते थे, चार काबू
सेहत केंद्र में तैनात एएनएम घर में चला रही थी भू्रण जांच केंद्र, 40 से 50 हजार लेते थे, चार काबू

जागरण संवाददाता, पटियाला : पटियाला पुलिस ने अल्ट्रासाउंड सेंटर में छापेमारी कर भू्रण जांच करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है और चार लोगों को काबू किया है। अल्ट्रासाउंड सेंटर से मशीन सहित कुछ दवा व 10 कापर टी बरामद की है। गिरोह की मुखिया मीना रानी नामक महिला है जिसके खिलाफ पहले ही गैरकानूनी ढंग से भ्रूण जांच के तीन केसों के अलावा एक अन्य केस दर्ज है। यह मामले जिला मुक्तसर, जिला संगरूर के कस्बा अहमदगढ़ एवं पटियाला जिला में सनौैर व पातड़ां थाना में दर्ज हैं। चारों लोग गिरफ्तार हैं, जिनसे अन्य साथियों के बारे में पूछताछ जारी है। आरोपित मीना रानी सेहत विभाग के कौली ब्लाक के सेहत केंद्र में बतौर एएनएम कार्यरत है।

एसएसपी विक्रमजीत दुग्गल ने बताया है कि राजपुरा रोड पर गांव चौरा के एक घर में अवैध चलाए जा रहे अल्ट्रासाउंड सेंटर पकड़ा है। वहां भू्रण जांच सहित गर्भपात करवाने का गोरखधंधा चल रहा था। उसे चलाने में मीना रानी निवासी स्टार सिटी चौरा, जरनैल सिंह गांव सवाजपुर, डा. अनिल कपूर गुरबख्श कालोनी के साथ राजीव कुमार (राजू) अर्बन एस्टेट फेस-एक पटियाला काम करते हैं। उनके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। मौके पर अल्ट्रासाउंड मशीन, 12 तरह की एलोपैथिक दवाइयां जिसमें 703 गोलियां, 150 कैप्सूल, 19 ट्यूब क्रीम व 32 इंजेक्शन, 57 आयुर्वेदिक दवा की बोतलें व 10 कापर-टी मिली हैं।

सिविल सर्जन की सूचना की थी टीम गठित

एसएसपी ने बताया कि 22 अक्टूबर को सिविल सर्जन डा. हरीश मल्होत्रा से सूचना मिलने पर स्पेशल टीम का गठन कर एसपी सिटी वरुण शर्मा की देखरेख में डा. जतिदर कांसल के साथ ड्रग इंस्पेक्टर मंदीप मान और संतोष कुमार सहित डाक्टर शामिल किया। पुलिस पार्टी में थाना अर्बन एस्टेट इंस्पेक्टर हैरी बोपाराय के साथ इंस्पेक्टर शिवइंद्र देव, महिला इंस्पेक्टर पुष्पा देवी और सीआइए की टीम को शामिल किया गया। टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मीना रानी की रिहायश, जो स्टार सिटी कालोनी, चौरा में है, वहां छापामारी की। पूछताछ में सामने आया कि डा. अनिल कपूर गर्भवती महिलाओं को मीना रानी के पास भेजते थे और वह वहां पर साथी जरनैल सिंह, राजीव कुमार उर्फ राजू के साथ मिलकर भ्रूण जांच करते थे। जिसके लिए 40 से 50 हजार रुपये वसूलते थे। लड़की होने की सूरत में संबंधित महिला को अबार्शन के लिए प्रेरित कर अबार्शन के लिए अलग फीस लेते थे।

आशा वर्करों से लेती थी गर्भवतियों की जानकारी

मीना रानी आग्जिलरी नर्स मिडवाइफ (एएनएम) थी। एएनएम की ड्यूटी अपने इलाके में गर्भवती महिलाओं को ढूंढकर सेहत विभाग से मिलने वाली सेहत सेवाएं मुहैया करवाना है। अपने इलाके और आशा वर्करों के जरिए वह गर्भवतियों की जानकारी एकत्रित कर भू्रण में लड़की की जानकारी लेकर अबार्शन करवाने के लिए फंसाकर भ्रूण जांच के लिए उत्साहित करती थी। इस कार्य में गुरबख्श कालोनी से डा. अनिल कपूर भी साथ देते थे।

पहले भी दर्ज हैं चार केस

एएनएम मीना रानी के खिलाफ पहले ही चार केस दर्ज हैं। उनमें मुक्तसर साहिब के लंबी थाने में 25 मार्च 2015 को दर्ज हुआ है। इसके अलावा पातड़ां थाने में 21 नवंबर 2015 में भ्रूण जांच करने का केस दर्ज है। उसके बाद संगरूर जिले के अमहमगढ़ में 15 मार्च 2018 में और पटियाला जिले के थाना सनौैर में 21 जून 2018 को भ्रूण जांच में सहयोग करने का केस दर्ज है, लेकिन सेहत विभाग ने इस बाबत कोई कारवाई नहीं की। अगर सेहत विभाग ने समय पर उसके खिलाफ कारवाई की होती तो आज वो गर्भवती महिलाओं के साथ यह खिलवाड़ न कर रही होती।

पहले दर्ज केसों के बारे में उच्चाधिकारियों को लिखा है : डा. मल्होत्रा

सिविल सर्जन डा. हरीश मल्होत्रा ने कहा कि उसके खिलाफ पहले दर्ज किए जा चुके केसों में विभाग ने उच्चाधिकारियों को कारवाई करने के लिए लिखा है, जिस पर कार्रवाई करना संबंधित उच्चाधिकारियों के हाथ में है। चार आरोपितों में से तीन का सेहत विभाग के साथ कोई तालमेल नहीं है।

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