सरकार कर्मियों व पेंशनरों को दे रही है धोखा : चड्ढा

आम आदमी पार्टी (आप) के गगनदीप सिंह चड्ढा ने कहा कि कैप्टन सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करके लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को धोखा दे रही है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 02 May 2021 10:06 PM (IST) Updated:Sun, 02 May 2021 10:06 PM (IST)
सरकार कर्मियों व पेंशनरों को दे रही है धोखा : चड्ढा
सरकार कर्मियों व पेंशनरों को दे रही है धोखा : चड्ढा

जासं, पटियाला : आम आदमी पार्टी (आप) के गगनदीप सिंह चड्ढा ने कहा कि कैप्टन सरकार छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करके लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को धोखा दे रही है। चड्ढा ने वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को धोखेबाज कहते हुए उनसे इस्तीफा देने की मांग की।

चड्ढा ने कहा कि राज्य के कर्मचारी 5वें वेतन आयोग की 15 साल पुरानी सिफारिशों पर काम कर रहे हैं, जबकि मुद्रास्फीति इन वर्षो के दौरान कई गुना बढ़ गई है। जनवरी 2006 में पांचवा वेतन आयोग पंजाब में लागू हुआ था, अब 2021 चल रहा है। शर्म की बात है कि सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को छठे वेतन आयोग का लाभ नहीं दिया, जबकि केंद्र सरकार और कई राज्यों ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया है।

चड्ढा ने कहा कि पंजाब सरकार के विभागों, बोर्डो और निगमों के लगभग 4 लाख कर्मचारी और 4 लाख से ज्यादा पेंशनर 2016 से छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन पिछली बादल सरकार की तरह, कैप्टन सरकार ने भी आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं की।

चड्ढा ने कहा कि पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने पिछले विधानसभा सत्र के दौरान घोषणा की थी कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें 31 मार्च, 2021 को प्राप्त होगी और जुलाई 2021 से लागू की जाएगी। यह घोषणा झूठ का पुलिंदा साबित हुई क्योंकि सरकार ने अब तक केवल तारीखें बढ़ायी, कर्मचारियों के वेतन और भत्ते नहीं।

चड्ढा कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और मनप्रीत सिंह बादल ने 2017 चुनाव के समय अपने मेनिफेस्टो में वादा किया था कि अस्थायी कामगारों को स्थायी किया जाएगा, छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएंगी और घर-घर रोजगार मुहैया कराया जाएगा। काग्रेस के शासन के अब मात्र आधे साल रह गए हैं, अब तक कोई वादे पूरे नहीं हुए। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की कि जल्द से जल्द छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू की जाए और बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दी जाए।

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