साक्षात्कार: प्लेसमेंट आफिसर राकेश ने कहा- जिले में ही नौकरी चाहते हैं युवा, कंपनियां जिले या राज्य से बाहर भेजती हैं

आजकल युवा सरकारी नौकरी की तरफ ध्यान दे रहे है। दूसरी बात वह चाहते हैं कि जिले में कहीं नौकरी मिल जाए। प्राइवेट कंपनियां युवाओं को जिले से राज्य से बाहर भेजती हैं। वहां पर उनका मन नहीं लगता या और भी कई कारण हो सकते हैं। इसका लेखा जोखा हमारे पास नहीं होता।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 07:26 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 07:26 AM (IST)
साक्षात्कार: प्लेसमेंट आफिसर राकेश ने कहा- जिले में ही नौकरी चाहते हैं युवा, कंपनियां जिले या राज्य से बाहर भेजती हैं
साक्षात्कार: प्लेसमेंट आफिसर राकेश ने कहा- जिले में ही नौकरी चाहते हैं युवा, कंपनियां जिले या राज्य से बाहर भेजती हैं

जागरण संवाददाता, पठानकोट : पिछले पांच साल से हर साल करीब छह हजार बच्चे रोजगार विभाग में अपना पंजीकरण करवा रहे हैं। इसके पीछे उनका एक ही सपना होता है कि सरकारी विभाग में किसी तरह नौकरी लग जाए। विभाग की रिपोर्ट के हिसाब से 95 फीसद बच्चों का सपना साकार नहीं हो पाया। जिनकी सरकारी विभागों में नौकरी लगी, वह उनकी काबलियत और मेहनत का नतीजा था। हालांकि विभाग की ओर से हर माह प्लेसमेंट ड्राइव आयोजित कर प्राइवेट सेक्टरों में रोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है, लेकिन 30 फीसद बच्चे ट्रेनिग या कुछ समय काम करने के बाद नौकरी छोड़ देते हैं। इन्हीं सब बातों को लेकर रोजगार विभाग के प्लेसमेंट आफिसर राकेश कुमार से दैनिक जागरण के संवाददाता नवीन कुमार ने बातचीत की। प्रश्न: रोजगार दफ्तर में इस समय कुल कितने अभ्यार्थी पंजीकृत हैं और विभाग इनके लिए क्या कर रहा है?

उत्तर: रोजगार दफ्तर के पोटल पर करीब 25 हजार अभ्यार्थी पंजीकृत हैं। विभाग की ओर से इन बच्चों के लिए काउंसलिग, करियर अपाच्र्युनिटी, फ्री कोर्स, आनलाइन कोचिग, प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जाता है। काउंसलिग के माध्यम से बच्चों की रुची जानी जाती है। उसी हिसाब से करियर के विषय में बताया जाता है। सरकारी विभागों में बच्चों की अधिक रूचि है। इसके लिए आनलाइन कोचिग भी दी जा रही है। इससे काफी बच्चों को लाभ मिल रहा है। प्लेसमेंट ड्राइव के तहत अब तक करीब 15 हजार बच्चों को प्राइवेट सेक्टर में नौकरी उपलब्ध करवाई गई है। रोजगर दफ्तर को नोडल प्वाइंट बनाया गया है, इसमें हर विभाग की स्कीम की जानकारी बच्चों को दी जाती है। प्रश्न: क्या पात्र अभ्यार्थियों को पेंशन की भी सुविधा है?

उत्तर: हर साल 15 सौ से कम आमदनी वाले परिवार के अभ्यार्थियों को 15 सौ रुपये प्रति माह भत्ता दिया जाता है। इस समय कार्यालय में एक भी इस प्रकार का पात्र नहीं है और न ही किसी को पेंशन दी जा रही है। प्रश्न: प्राइवेट सेक्टर में युवओं रुझान न होने का क्या कारण है?

उत्तर: ऐसा नहीं है। प्राइवेट सेक्टर में काफी युवा जा रहे हैं। वहां पर भी आगे बढ़ने का बेहतर मौका है। कंपनियां अच्छे पैकेज पर युवाओं को चयनित कर रही हैं। जिले के काफी युवा प्राइवेट सेक्टर में नौकरी कर रहे हैं। कई कंपनियों में हमारे युवा मैनेजर हैं। प्रश्न: तो फिर 30 फीसद युवा प्राइवेट सेक्टर में चयनित होने के बाद भी नौकरी क्यों छोड़ रहे हैं?

उत्तर: मैंने पहले भी बताया कि आजकल युवा सरकारी नौकरी की तरफ ध्यान दे रहे है। दूसरी बात वह चाहते हैं कि जिले में कहीं नौकरी मिल जाए। प्राइवेट कंपनियां युवाओं को जिले से, राज्य से बाहर भेजती हैं। वहां पर उनका मन नहीं लगता या और भी कई कारण हो सकते हैं। इसका लेखा जोखा हमारे पास नहीं होता।

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