कोरोना के साथ अब लोगों को ब्लैक फंगस से भी करने पड़ेंगे दो-दो हाथ
कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों को अब ब्लैक फंगस नामक बीमारी से दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं।
विनय ढींगरा, सूरज प्रकाश पठानकोट : कोरोना महामारी से संक्रमित मरीजों को अब ब्लैक फंगस नामक बीमारी से दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं। ब्लैक फंगस की वजह से कई लोगों कि या तो जान पर बन आई है या उनको अपनी आंखों से हाथ धोना पड़ रहा है। पठानकोट सेहत विभाग की माने तो पठानकोट जिला में कोई भी ब्लैक फंगस का केस नहीं है लेकिन, पठानकोट जिला के सुजानपुर कस्बा के रहने वाले एक मरीज को इस नामुराद बीमारी की वजह से अपनी एक आंख की रोशनी खोनी पड़ सकती है जिसके लिए वह लुधियाना के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में दाखिल है वहां आंखों के सर्जन डाक्टर उसकी एक आंख जिसमें ब्लैक फंगस पाई गई है उसका इलाज शुरू कर चुके हैं। मरीज पहले था कोरोना पाजिटिव
58 वर्षीय सुजानपुर निवासी कुछ दिन पहले कोरोना से संक्रमित हुआ था, जिसके बाद इसे सिविल अस्पताल में उपचार चल रहा था। हालत गंभीर होने की वजह से उक्त व्यक्ति को आर्मी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जिसके पश्चात तीन दिन के बाद उसको छुट्टी दे दी गई। लेकिन, उसकी तबीयत बिगड़ने की वजह से उसे फिर से पठानकोट के एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां दो दिन के उपचार के बाद इस मरीज को लुधियाना रेफर कर दिया गया। दांत में हुआ दर्द, आंख तक पहुंची समस्या
मरीज के बेटे मुनीष ने कहा कि जैसे ही उसके पिता अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आए तो अगले दिन उनके दांत में दर्द होने लगी। उसके बाद उनकी एक आंख में भी समस्या आने लगी। जिसके बाद वह अपने पिता को उपचार के लिए पठानकोट के एक प्राइवेट अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया। वहां करीब चार दिन उपचार के लिए पिता को रखा गया। जिसके बाद वहां भी उनकी हालत गंभीर होने लगी। लेकिन, उक्त प्राइवेट अस्पताल में भी ब्लैक फंगस की कोई पुष्टी नहीं हुई। लोग कर्फ्यू लगाने की कर चुके हैं मांग
मरीज के दोस्त दीपक के अनुसार मरीज लुधियाना के प्राइवेट अस्पताल में उपचाराधीन है और आंखों के डाक्टर उसकी एक आंख में ब्लैक फंगस पाए जाने के बाद आपरेशन के लिए डाक्टर के पास ले गए हैं। ज्ञात रहे के सुजानपुर में कोरोना के कई मामले आ रहे हैं यहां तक की कई स्थानीय लोग स्वयं सुजानपुर में कर्फ्यू लगाने की मांग तक कर चुके हैं। सेहत विभाग इसकी करेगा छानबीन : डा. सरपाल
सिविल अस्पताल पठानकोट के एसएमओ डा. राकेश सरपाल ने पत्रकार से बातचीत करते कहा कि अभी तक ब्लैक फंगस का कोई मामला नहीं आया है। इस मामले संबंधी आप से पता चला है। सेहत विभाग इसकी छानबीन करेगा और जरूरी कार्रवाई की जाएगी। पठानकोट में ब्लैक फंगस के शुरुआती संक्रमण का इलाज के सभी प्रबंध हैं और अगर कोई मरीज गंभीर हो तो वह अमृतसर रेफर किया जा सकता है। लोग प्रोटोकाल का पालन करें जिससे कि संक्रमण की रफ्तार को काबू किया जा सके।
ब्लैक फंगस के लक्षण
. खांसी, हांफना
. आंख व नाक के आसपास दर्द, सूजन के साथ बुखार, सिरदर्द
. खून की उल्टी
. जबड़े में कुछ दिक्कत लगना
. नेक्रोसिस यानी किसी अंग का गलना ऐसे करें बचाव
. नाक बंद होने के सभी मामलों को बैक्टीरियल इंफेक्शन न समझें खासतौर पर कोरोना के मरीजों में।
. डाक्टर की सलाह लेने व इलाज शुरू करने में बिल्कुल भी देरी न करें।
. आक्सीजन थेरेपी के दौरान उबला हुआ साफ पानी इस्तेमाल करें।
. अगर आप कोरोना से स्वस्थ होकर लौटे हैं तो अपने ब्लड शुगर पर कड़ी निगरानी रखें।
. स्टेरायड का सही इस्तेमाल सही समय पर, सही मात्रा में उचित समय तक डाक्टर की सलाह पर ही करें।
. धूल वाली जगह पर जाएं तो मास्क का प्रयोग करें।
. शरीर पर मिट्टी या धूल के कण लगे हों तो साफ करके नहाएं जिससे फंगस के कण चिपके न रह जाएं।