भारत-पाक सीमा पर बसे तीन गांव की 300 एकड़ उपजाऊ भूमि बनी वेटलैंड
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संवाद सहयोगी, बमियाल : भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे तीन गांव की करीब 300 एकड़ उपजाऊ भूमि जेएंडके से आने वाले कूहल की निकासी नहीं होने के कारण किसानों की यह उपजाऊ भूमि वेटलैंड बन चुकी है। निकासी न होने के कारण यह तालाब का रूप ले रही है जिस कारण किसानों को आर्थिक तौर पर नुक्सान उठाना पड़ रहा है।
किसान सुभाष सिंह प्रेम सिंह, हंस राज, रुमाल चंद, जय सिंह, सरवन सिंह, हरबंस सिंह पिटू इत्यादि किसानों ने बताया कि उनकी जमीन भारत पाक सीमा के निकट गांव खोजकी चक्क, सिबल कुलियां, दलवाल गांव में है। पिछले कुछ वर्षों से जेएंडके से आने वाली कूहल के पानी की समाप्ति हो जाती है। कूल के पानी की निकासी आगे दरिया तक नहीं की गई है जिसके चलते सारा पानी उनकी जमीन पर जमा हो रहा है। बताया कि उनकी ओर से अपने स्तर पर इस पानी के निकासी के लिए प्रयत्न किए गए थे परंतु आर्थिक वजह से वह पूरे नहीं हो पाए। शुरू में जेएंडके से आने वाला कूहल का पानी केवल गांव सिबल कुलिया की कुछ जमीन पर खड़ा रहता था। जहां किसानों की ओर से इस पानी की निकासी का कुछ इंतजाम किया था जो कारगर साबित नहीं हो पाया। अब इसका पानी का रुख धीरे-धीरे गांव खोजकी चक्क, दनवाल के किसानों की उपजाऊ भूमि की ओर शुरू हो गया। किसानों ने बताया कि अब आलम यह है कि खेतों में पानी जमा रहने के कारण किसान वह खेती नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि किसानों की समस्या का समाधान किया जाए और उनकी उपजाऊ भूमि को वेटलैंड होने से बचाया जाए।