वीटीएस सिस्टम ने बढ़ाई चंडीगढ़-दिल्ली के यात्रियों की परेशानी, बसों की संख्या घटी

पंजाब रोडवेज पठानकोट डिपो ने पिछले लंबे समय से जालंधर व अमृतसर की शार्ट चल रही सर्विस को दोगुणा कर दिया है

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 10:58 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 10:58 PM (IST)
वीटीएस सिस्टम ने बढ़ाई चंडीगढ़-दिल्ली के यात्रियों की परेशानी, बसों की संख्या घटी
वीटीएस सिस्टम ने बढ़ाई चंडीगढ़-दिल्ली के यात्रियों की परेशानी, बसों की संख्या घटी

जागरण संवाददाता, पठानकोट

पंजाब रोडवेज पठानकोट डिपो ने पिछले लंबे समय से जालंधर व अमृतसर की शार्ट चल रही सर्विस को दोगुणा कर दिया है, जिससे चंडीगढ़ व दिल्ली की सर्विस कम होने के कारण यात्रियों के लिए परेशानी पैदा हो गई। आने वाले दिनों में चंडीगढ़ व दिल्ली के लिए सर्विस बढ़ने के कोई आसार नहीं दिख रहे। मृतसर-जालंधर रुट पर सर्विस बढ़ाने को लेकर अधिकारियों का कहना है कि वह सरकार की वीटीएस (व्हीकल ट्रैकिग सिस्टम) का पालन कर रहे हैं। अमृतसर के लिए पहले बारह अब चल रही चालीस बसें

पठानकोट से अमृतसर के बीच पहले पठानकोट डिपो की केवल तेरह तथा अन्य डिपो की आठ बसों की सर्विस को मिलाकर रोडवेज की केवल 21 बसें चलती थी।लेकिन, विगत कुछ दिनों से अकेले पठानकोट डिपो की ही 40 तथा अन्य डिपो की 35 बसों को मिलाकर रोजाना 75 सरकारी बस सर्विस चल रही है। इतनी ही प्राइवेट बसों का संचालन हो रहा है। सरकारी बस सेवा की कमी का पहले सीधे तौर पर प्राइवेट आपरेटर लाभ उठा रहे थे, जिससे पास होल्डरों को ज्यादा दिक्कतें होती थी। जालंधर की पांचगुणा बढ़ी सविर्स

अमृतसर की तरज पर पठानकोट डिपो ने जालंधर के लिए भी अपनी सर्विस में पांचगुणा बढ़ोतरी की है। पठानकोट डिपो की पहले यहां रोजाना जालंधर के लिए आठ बसों सहित अन्य डिपो की मिलाकर 15 बसें चलती थी, वहीं अब 50 सरकारी बसों की सर्विस चल रही है। जिसमें पठानकोट डिपो की तीस तथा अन्य डिपो की बीस बसों की सर्विस है। दिल्ली-चंडीगढ़ की रह गई एक चौथाई सर्विस

वीटीएस (व्हीकल ट्रेसिग सिस्टम) योजना शुरू होने के वजह से यहां अमृतसर-जालंधर जाने वाले यात्रियों को राहत मिली है, वहीं पठानकोट से चंडीगढ़ व दिल्ली जाने वालों के लिए परेशानियां भी पैदा हो गई हैं। पठानकोट से चंडीगढ़ के लिए यहां रोजाना पठानकोट डिपो की 20 से 22 बसें चलती थी, वहीं अब छह से सात बसें ही चल रही है। इतना ही नहीं अन्य डिपो की भी रोजाना चलने वाली दस बसों की सर्विस भी अब चार पर लटक गई है। इसी प्रकार पठानकोट-दिल्ली की पहले रोजाना 11 बसों की सर्विस थी जो अब मात्र तीन पर ही रह गए है। यात्रियों ने जताई नाराजगी

पठानकोट से चंडीगढ़ जाने वाले सुनील प्रकाश, निखिल, अश्वनी सैनी, सुशील सैनी व सतनाम सिंह आदि ने कहा कि रोडवेज की सर्विस तेज होने के कारण ज्यादातर लोग सरकारी बसों में ही सफर करते हैं। कारण, चंडीगढ़ के लिए प्राइवेट सर्विस सारी एसी है। ऐसे में यहां उनकी पहले से एडवांस बुकिग करवानी पड़ती है, वहीं किराया भी अधिक होता है। चंडीगढ़ के लिए सरकारी सर्विस ज्यादा होने के कारण लोग इसे पसंद करते हैं, परंतु अब एक दम से सर्विस में भारी कटौती करने के कारण लोगों को मजबूर प्राइवेट बसों पर ही ज्यादा निर्भर होना पड़ेगा। यात्रियों ने कहा कि वह लोकल रुटों के लिए सर्विस बढ़ाए यह अच्छी बात है परंतु चल रहे लांग रुटों पर सर्विस भी तो कम न करे। क्या है वीटीएस सिस्टम

राज्य सरकार द्वारा सरकारी बसों की लोकेशन ट्रेस करने के लिए प्रदेश भर में वीटीएस सिस्टम को लागू किया है। नए सिस्टम के अनुसार पहले किस रुट पर कितनी बसों की सर्विस थी को फालो किया जा रहा है। बसों की कमी के चलते स्थानीय स्तर पर डिपो प्रबंधकों द्वारा लोकल रुटों की उपेक्षा लांग रुट पर ज्यादा सर्विस चलाकर आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा रहा था। लेकिन, अब वीटीएस सिस्टम लागू होने के बाद जिस रुट पर जितनी सर्विस है उसे पूरा करवाया जा रहा है।

सरकार के आदेश का किया जा रहा पालन : जीएम

डिपो के जनरल मैनेजर सरदार दर्शन सिंह गिल ने कहा कि पठानकोट ही नहीं प्रदेश के सभी डिपो वीटीएस के तहत बस सर्विस को चला रहे हैं। जिस रुट पर जितनी बसों के परिमट हैं उसके मुताबिक ही बसों को चलाया जा रहा है। डिपो को जैसे ही नई बसें मिलेंगी तो उन्हें चंडीगढ़ व दिल्ली के लिए चलाया जाएगा।

chat bot
आपका साथी