वीर चक्र विजेता के गांव पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल

कर्नल तीर्थ सिंह जग्गी ने बताया कि 1971 के युद्ध में भारत के वीरों ने दुश्मन के खिलाफ असीम साहस का परिचय देखते हुए दुश्मन को परास्त किया था। इस बहादुरी के लिए उन्हें वीर चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 05:56 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:56 PM (IST)
वीर चक्र विजेता के गांव पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल
वीर चक्र विजेता के गांव पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल

संवाद सहयोगी, पठानकोट : मामून : स्वर्णिम विजय मशाल को नई दिल्ली से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के सशस्त्र लौ से जलाया गया था। उसे पूरे भारत में घुमाया जा रहा है। यह मशाल 1971 में युद्ध के दौरान पाकिस्तान पर भारत की जीत की 50वीं वर्षगांठ को दर्शाती है। इसे 23 सितंबर 2021 को जिला पठानकोट के गांव पंगोली के रहने वाले पूर्व कर्नल तीर्थ सिंह जग्गी, वीर चक्र विजेता के निवास स्थान में उन्हें सम्मान देने के लिए मशाल को लाया गया।

कर्नल तीर्थ सिंह जग्गी ने बताया कि 1971 के युद्ध में भारत के वीरों ने दुश्मन के खिलाफ असीम साहस का परिचय देखते हुए दुश्मन को परास्त किया था। इस बहादुरी के लिए उन्हें वीर चक्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस वीरता के कार्य में भारत के सपूत ने अपनी मातृभूमि की रक्षा में अहम भूमिका निभाई, जिसे देश हमेशा याद रखा जाएगा। गांव की पावन मिट्टी को भी सेना के जवान वहां से लेकर गए, जिसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में हमेशा के लिए रखा जाएगा।

इस मौके पर आम नागरिक, सेना और पुलिस के अधिकारी, विधायक दिनेश सिह , पूर्व ब्रिगेडियर सीएस वर्मा, पूर्व कैप्टन पीएस पठानिया, पूर्व कर्नल के एल बिद्रा, पूर्व कर्नल बलकार सिंह, कर्नल केआरएस लालोत्र, कर्नल सुनीत पठानिया, कर्नल आरके सलारिया, कर्नल डीएस जसरोटिया, विग कमांडर केक डोगरा, पूर्व कर्नल मन्हास ,मेजर जोली आदि उपस्थित रहे।

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