शाहपुरकंडी-माधोपुर नहर से निकाले जाएंगे तीन आउटलेट, 16 हजार एकड़ कृषि भूमि को मिलेगा पानी

कंडी क्षेत्र के 16 हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि की सिचाई के लिए नहरी विभाग ने छह करोड़ का प्रपोजल तैयार कर सरकार को भेजा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 06:00 PM (IST)
शाहपुरकंडी-माधोपुर नहर से निकाले जाएंगे तीन आउटलेट, 16 हजार एकड़ कृषि भूमि को मिलेगा पानी
शाहपुरकंडी-माधोपुर नहर से निकाले जाएंगे तीन आउटलेट, 16 हजार एकड़ कृषि भूमि को मिलेगा पानी

रणधीर सिंह बिट्टा, माधोपुर : कंडी क्षेत्र के 16 हजार एकड़ कृषि योग्य भूमि की सिचाई के लिए नहरी विभाग ने छह करोड़ का प्रपोजल तैयार कर सरकार को भेजा है। इस प्रपोजल को मंजूरी मिलने पर शाहपुरकंडी-माधोपुर नहर के साथ लगते 80 गांवों के करीब पांच हजार किसानों को फायदा होगा। इसमें गुड़ा खुर्द, सदोडी, जैणी, राजपुर, छन्नी, जैणी निचली, थरियाल, बड़ोई, जंदराई निचली, मुतफरका, रानीपुर छोटी, कुमारटा, रानीपुर झिगला, सदोड़ी आदि शामिल है। इन गांवों के किसान गेहूं और मक्की के साथ धान की फसल उगा पाएंगे।

विभाग की ओर से 9000 एकड़ भूमि की सिचाई के लिए

दरअसल, रावी दरिया कृषि योग्य भूमि से काफी नीचे बहती है। दस साल पहले तक रावी दरिया का पानी पंपों से लिफ्टिग खेतों में पहुंचाया जाता था। दरिया व खेती योग्य भूमि के बीच अधिकतर ऊंचाई होने से यह प्रोजेक्ट बंद हो गया। करीब दस साल से लोगों को बारिश पर निर्भर रहना पड़ रहा है। बारिश हुई तो ठीक नहीं तो हाल बदहाल। नतीजन करोड़ों की लागत से बना यह प्रोजेक्ट बंद होने से पशुओं का चारा उगाने में भी किसानों को परेशानी आ रही है। इसके देखते हुए सिचाई मंत्री के सामने यह मामला उठाया गया था। दो साल पहले सिचाई मंत्री सुखजिद्र सिंह रंधावा दौरे पर आए थे। तब मंत्री के एक करीबी किसान ने उनसे भेंट कर भूमि की सिचाई न हो पाने की समस्या बताई। जिसे सुनते ही सिचाई मंत्री ने नहरी विभाग के अधिकारियों को सिचाई की प्रपोजल बनाने के आदेश दिए थे।

आठ किमी. के दायरे में निकाले जाएंगे तीन आउटलेट

नहरी विभाग की ओर से पंजाब सरकार को भेजी गई नई प्रपोजल के अनुसार 80 गांवों के किसानों की भूमि को शाहपुरकंडी-माधोपुर नहर से पानी छोड़ा जाएगा। आठ किलोमीटर एरिया में तीन आउटलेट निकाले जाएंगे। इसकी सप्लाई अलग-अलग गांवों की उपजाऊ भूमि के लिए होगी। प्रपोजल के अनुसार राजपुर, कंवाल,माधोपुर इन तीन गांवों में आउटलेट बनाए जाने हैं। इनमें 14, 24 और 20 क्यूसिक पानी छोड़े जाने की योजना है। इतने पानी से सभी किसान आसनी से धान, गेहूं आदि की फसलों की बिजाई कर सकते हैं। पहले नौ हजार एकड़ में होती थी सिचाई

इससे पहले नहरी विभाग की ओर से रावी नदी के किनारे पांच जगहों पर पंप लगाकर पानी की लिफ्टिग की जाती थी। इससे नौ हजार एकड़ भूमि की सिचाई होती थी। अब विभाग की इस नई प्रपोजल का पानी 16 हजार एकड़ भूमि भूमि की सिचाई करेगा और यह योजना लंबे समय तक चलेगी। किसानों ने जताई खुशी

किसानों गुरपाल पठानिया ने बताया कि नहरी विभाग की ओर से सरकार को भेजा गया प्रस्ताव किसानों के लिए खुशी वाली बात है। यहां सिचाई से धान व गेहूं आदि फसलों की बंपर पैदावार होती रही है।

किसन राजीव सिंह ने बताया कि जब से रावी दरिया में स्थापित पंप हाउस बंद होने से सिचाई नही हो पा रही तब से इस क्षेत्र की भूमि बंजर जैसे हो गई है। क्षेत्र के किसानों को बेसबरी से इंतजार है कि विभाग द्वारा भेजे प्रस्ताव को सरकार शीघ्र मंजूर कर इसका काम मुकम्मल करवाए।

इसी तरह दविद्र सिंह ने बताया कि विभाग की इस प्रपोजल से न केवल इसे क्षेत्र के किसान खुशहाल होंगे,बल्कि भूमि में सिचाई होने के साथ साथ दुधारू पशुओं को अच्छा आहार मिलने से किसानों का कारोबार दोगुणा होगा।

जगपाल बिट्टू ने कहा कि यह प्रस्ताव पारित होने से हजारों किसानों को लाभ होगा। उनकी सरकार से मांग की जिसमें हजारों अन्नदाताओं की भलाई छिपी है,उस कार्य को पूरा करने में देर नही होनी चाहिए। हजारों किसानों को मिलेगा लाभ

सिचाई विभाग के एसडीओ प्रदीप कुमार ने बताया कि विभाग की ओर से उक्त छह करोड़ के निर्माण का प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया है। विभाग को उम्मीद है कि शीघ्र ही इसकी मंजूरी भी मिल जाएगी।उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट का जिला के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा।

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