आइटीआइ और डिग्री कालेज से वंचित हैं घरोटा क्षेत्र के 50 गांवों के विद्यार्थी

सरकारें ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च व टेक्निकल शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राग अलापती रहती है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 02:54 AM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 02:54 AM (IST)
आइटीआइ और डिग्री कालेज से वंचित हैं घरोटा क्षेत्र के 50 गांवों के विद्यार्थी
आइटीआइ और डिग्री कालेज से वंचित हैं घरोटा क्षेत्र के 50 गांवों के विद्यार्थी

संवाद सहयोगी, घरोटा : सरकारें ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च व टेक्निकल शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राग अलापती रहती है, लेकिन घरोटा क्षेत्र के 50 गांवों के लिए उच्च शिक्षा के लिए आइटीआइ व डिग्री कालेज तक नहीं है। सत्ता परिवर्तन के उपरांत उम्मीद थी कि इस समस्या का समाधान होगा। राज्य सरकार के चार वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के उपरांत मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है, जिससे छात्र अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। घरोटा में आइटीआइ खोलना बना चुनावी मुद्दा :बोध सिंह

बोध सिंह ने कहा कि हर बार घरोटा इलाके के आइटीआइ खोलने का मामला चुनावी मुद्दा बनता है। चुनावों के उपरांत फिर अनदेखी से यह ठंडे बस्ते में पड़ जाता है, जिसका खामियाजा क्षेत्र के बच्चों व अभिभावकों को भुगतना पड़ता है। क्षेत्र की अहम है मांग : विजय महाजन

विजय महाजन ने कहा कि आइटीआइ और डिग्री कालेज क्षेत्र की अहम मांग है। सरकार से काफी उम्मीद थी कि अब तक इस और कोई कार्य नहीं हुआ। जरूरत है कि ब्लाक केंद्र घरोटा में आइटीआइ खोली जाए। 12वीं के बाद ज्यादातर बच्चे छोड़ देते हैं पढ़ाई : निर्मल सिंह

निर्मल सिंह ने कहा कि घरोटा में जमा दो के उपरांत क्षेत्र में कोई उच्च शिक्षा का प्रबंध न होने से अकसर बच्चे शिक्षा छोड़ देते हैं। अधिकतर नुकसान असमर्थ लोगों और लड़कियों को उठाना पड़ता है।

सिर्फ तालियां बटोरी, नहीं पहनाया अमलीजामा : सुखजिद्र

सुखजिद्र सिंह ने कहा कि पिछली सरकारों ने आज तक आइटीआइ व डिग्री कालेज खोलने के नाम पर सिर्फ तालियां बटोरी हैं। इसे अमलीजामा पहनाने की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। बिना देरी के आइटीआइ खोली जाए : गणेश राज

गनेश राज ने कहा कि यदि सरकार घरोटा क्षेत्र में आइटीआइ खोलती है तो इस से जमा दो के उपरांत जो बच्चे पढ़ाई छोड़ देते हैं। उनको आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, जिस से वह शिक्षित होकर आत्म निर्भर बनेंगे।

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