पनबस कर्मचारियों की हड़ताल जारी, पास होल्डरों को भी निजी बसों में खर्च करने पड़े पैसे

पनबस यूनियन की सेंटर बाडी सदस्य जोगिद्रपाल लवली शाखा प्रधान सुखविद्र सिंह व महासचिव कमल ज्योति ने कहा कि उन्होंने पूरी मेहनत करके पनबस को फायदे में पहुंचाया है लेकिन सरकार उनकी भावनाओं की कोई कदर नहीं कर रही। वह 15-16 वर्षो से ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 07:02 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 07:02 PM (IST)
पनबस कर्मचारियों की हड़ताल जारी, पास होल्डरों को भी निजी बसों में खर्च करने पड़े पैसे
पनबस कर्मचारियों की हड़ताल जारी, पास होल्डरों को भी निजी बसों में खर्च करने पड़े पैसे

जागरण संवाददाता, पठानकोट: रेगुलर करने की मांग को लेकर मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे पनबस कर्मचारियों ने वीरवार को भी बसें नहीं चलने दीं। कर्मचारियों ने सर्द रात भी धरनास्थल पर ही बिताई। बता दें कि डिपो प्रबंधन द्वारा सस्पेंड किए गए पनबस कर्मियों को दोबारा रूट पर भेजने की परमिशन देकर बसें चलवाने की कोशिश की गई थी। इसके बाद धरनास्थल पर ही रात बिताने का फैसला किया गया। हड़ताली कर्मियों का कहना है कि वह रोडवेज की किसी भी बस को रूट पर चलने से नहीं रोकेंगे, परंतु पनबस को किसी भी कीमत पर नहीं चलने देंगे। वहीं पनबसें न चलने से दैनिक यात्रियों को खासी परेशानियां हो रहीं हैं। खास तौर पर पास होल्डर व महिला यात्रियों को प्राइवेट बसों में किराया खर्च कर जाना पड़ रहा है। हड़ताल के चलते वीरवार को जालंधर के लिए पांच, अमृतसर के लिए चार तथा चंडीगढ़ व जम्मू के लिए केवल एक-एक रोडवेज बस ही चली।

पनबस यूनियन की सेंटर बाडी सदस्य जोगिद्रपाल लवली, शाखा प्रधान सुखविद्र सिंह व महासचिव कमल ज्योति ने कहा कि उन्होंने पूरी मेहनत करके पनबस को फायदे में पहुंचाया है, लेकिन सरकार उनकी भावनाओं की कोई कदर नहीं कर रही। वह 15-16 वर्षो से ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहे हैं। रेगुलर करने की मांग को लेकर वह कई बार हड़ताल पर गए, लेकिन सिवाय आश्वासनों के कुछ हाथ नहीं लगा। सभी सरकारों ने उनकी भावनाओं से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने चरणजीत सिंह चन्नी ने 36 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बात कही थी। इसके बाद उन्हें उम्मीद जगी थी कि उनकी मांग पूरी हो जाएगी परंतु इस बार भी वह ठगा सा महसूस कर रहे हैं। विद्यार्थी बोले- मजबूरी में निजी बसों में करना पड़ रहा सफर

सरकारी बस सेवा प्रभावित होने पर विद्यार्थी संदीप प्रकाश व निखिल ने बताया कि दो दिन से वह बस स्टैंड पर आ रहे हैं लेकिन, आगे सरकारी बस नहीं होती। मजबूरन उन्हें प्राइवेट बसों में पूरा किराया चुकाना पड़ रहा है। हड़ताल के चलते दिल्ली, लुधियाना व चंडीगढ़ जाने वाले यात्रियों को ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं। हायर अथारिटी की चल रही कर्मियों से बातचीत: डिपो प्रबंधक

उधर, डिपो प्रबंधक दर्शन सिंह गिल का कहना है कि हायर अथारिटी लेवल पर पनबस कर्मियों से बात चल रही है। स्थिति पर सरकार व विभागीय अधिकारी भी पैनी निगाह रखे हैं। डिपो की रोजाना रिपोर्ट हेड आफिस को भेजी जा रही है। आदेश मिला है कि फिलहाल, जितनी अधिक से अधिक सर्विस चलवा सकते हैं चला कर यात्रियों को सुविधा प्रदान की जाए।

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