बिना नंबर प्लेट की ट्रैक्टर-ट्रालियां बिना रोक-टोक सड़कों पर दौड़ रहीं
जिला पठानकोट में खेती करने के लिए ली गई ट्रैक्टर-ट्राली का कमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है।
भीष्म भनोट, मलिकपुर : जिला पठानकोट में खेती करने के लिए ली गई ट्रैक्टर-ट्राली का कमर्शियल इस्तेमाल किया जा रहा है। शहर की सड़कों पर विदाउट नंबर प्लेट 150 से 200 ट्रैक्टर- ट्राली रेत-बजरी, मिट्टी और ईंट भट्टों से ईंटें ढोते हुए आम ही देखी जा सकती हैं, लेकिन पुलिस प्रशासन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करता। केवल औपचारिकता के लिए ही नाके पर स्टाप फार चेकिग के बेरिकेड लगाए गए हैं। ऐसे में अगर कोई बिना नंबर प्लेट वाली ट्रैक्टर-ट्राली किसी वाहन के साथ दुर्घटना कर भाग जाती है तो पुलिस प्रशासन के लिए उसे पकड़ पाना चुनौती बन जाता है। ट्रैक्टर ट्राली के खिलाफ करेंगे कार्रवाई : एसआइ जगतार सिंह
ट्रैफिक पुलिस के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर जगतार सिंह का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस की तरफ से रोजान रांग पार्किंग, नो एंट्री, ट्रिपल राइडिग व विदाउट नंबर प्लेट वाहनों के 8 से 10 चालान काटे जाते हैं। पूछने पर उन्होंने बताया कि पकड़े जाने पर विदाउट नंबर प्लेट ट्रैक्टर ट्राली चालकों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
आग लगने से 3 किले में लगी गेहूं जली
संवाद सहयोगी, मामून : गांव कानपुर में किसान मोहन सिंह कि लगभग 9 कनाल गेहूं जलकर हुई राख हो गई। पीड़ित किसान मोहन सिंह ने बताया कि उनकी 9 कनाल जमीन जिसमें लीची का बाग भी लगा रखा था अचानक आग लगने से राख हो गई है। बताया कि बाग लगभग 3 साल पहले लगाया था, जिसमें लगभग 70 पौधे लीची के लगे थे, जो पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं। उन्होंने कहा कि लीची के बाग के साथ लगते और 3 किसानों की गेहूं भी जलकर राख हो गई है। पठानकोट की फायर ब्रिगेड ने मौके पर पहुंचकर आग को बुझाया। गांव के पटवारी दिनेश सैनी ने बताया कि गांव कानपुर में आग लगने से लगभग तीन किले गेहूं की फसल खराब हो गई है, जिसमें 9 कनाल का एक लीची का बाग भी शामिल है।