पल्लवी ने खुद के खर्च पर हाड़ा गांव को सैनिटाइज करने का उठाया जिम्मा
प्रदेश में सबसे छोटी आयु की सरपंच का खिताब अपने नाम करने वाली पल्लवी ठाकुर ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते में अपने खर्च से सैनिटाइजेशन का काम गांव हाड़ा में शुरू करवाया है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : प्रदेश में सबसे छोटी आयु की सरपंच का खिताब अपने नाम करने वाली पल्लवी ठाकुर ने कोरोना वायरस को ध्यान में रखते में अपने खर्च से सैनिटाइजेशन का काम गांव हाड़ा में शुरू करवाया है। सैनिटाइजेशन अभियान की शुरुआत उन्होंने खुद गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल को सैनिटाइज करके की। इसके बाद गांव के युवाओं से मिल कर मेन गलियों-नालियों को सैनिटाइज किया गया। गौर हो कि पिछले वर्ष देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मन की बात कार्यक्रम के दौरान कोरोना काल में किए गए कार्यों की पूरे देश में पल्लवी की सराहना की थी।
सरपंच पल्लवी ठाकुर कहती है कि पिछली बार भी जब कोरोना संक्रमण शुरू हुआ था तो पूरे गांव को सैनिटाइज करवाया था। इस बार भी पिता के सहयोग से पूरे गांव को सैनिटाइज करने के काम का खुद शुभारंभ किया। जरुरतमंद लोगों को अपने पैसों के इलावा केंद्र व राज्य सरकार से आए फंडों को जरुतरमंदों तक पहुंचाया। उन्होंने कहा कि उनके लिए सबसे पहले गांव की सुरक्षा है, जनता ने उन पर विश्वास करके ही प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है। गांव की बदल दी है नुहार
प्रदेश की सबसे कम आयु वाली गांव हाड़ा की सरपंच पल्लवी ठाकुर ने अपने दो वर्ष के कार्यकाल में ही गांव की नुहार बदल कर रख दी है। गांव की लगभग सभी गलियां-नालियों को पक्का करवाने के अलावा श्मशानघाट को भी नया रूप दिया है। गांव की पक्की गलियां के इलावा श्मशानघाट को जाने के लिए बेहतर रास्ते को नया रुप दिया है। यही नहीं सड़क के किनारे पक्के फुटपाथ और हरियाली के लिए पेड़ जैसे शहर जैसी सुविधाओं का एहहास कराते हैं। अपने दो वर्ष के कार्यकाल में पल्लवी ने मनरेगा के तहत मिले 30 और केंद्र व राज्य सरकार की 1.5 करोड़ रुपए से विकास कार्य करवाकर युवा सोच का बेहतरीन प्रमाण दिया है।