डेंगू के 12 नए केस मिले, इनमें से 11 शहरी इलाके के

बुधवार को सेहत विभाग के पास आई रिपोर्ट के अनुसार सितंबर में 90 लोग पाजिटिव आ चुके हैं इसमें से 64 पठानकोट शहर के हैं। विभाग के रिकार्ड के अनुसार जनवरी 2021 से अब तक कुल 114 लोग पाजिटिव आ चुके हैं जिसमें 82 लोग पठानकोट शहर के हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 15 Sep 2021 10:25 PM (IST) Updated:Wed, 15 Sep 2021 10:25 PM (IST)
डेंगू के 12 नए केस मिले, इनमें से 11 शहरी इलाके के
डेंगू के 12 नए केस मिले, इनमें से 11 शहरी इलाके के

जागरण संवाददाता, पठानकोट : सितंबर में डेंगू शहर वासियों को ज्यादा डंक मार रहा है। लगातर मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। बुधवार को सेहत विभाग के पास आई रिपोर्ट के अनुसार सितंबर में 90 लोग पाजिटिव आ चुके हैं, इसमें से 64 पठानकोट शहर के हैं। विभाग के रिकार्ड के अनुसार जनवरी 2021 से अब तक कुल 114 लोग पाजिटिव आ चुके हैं, जिसमें 82 लोग पठानकोट शहर के हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में सफाई व्यवस्था का हाल अभी भी अच्छा नहीं है। कुछ मरीजों को सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है, जबकि ज्यादातर को दवाई देकर घर पर ही आराम करने को कहा गया है।

लाख दावों के बावजूद शहर की स्थिति अब भी बदहाल है। खुली हुई नाली, टूटी हुई गलियां और जलभराव डेंगू के केस को बढ़ावा देने के लिए काफी हैं। डेंगू के लगातार बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए सेहत विभाग के अधिकारी भी चितित हैं। उनका कहना है कि नगर निगम को इस बाबत अगाह किया जा रहा है। निगम की ओर से कई गलियों में नालियों की सफाई भी करवाई गई है। इसके लिए लोगों को भी जागरूक रहने की जरूरत है। विभाग की ओर से कालोनियों व मोहल्लों में लोगों को जागरूक किया जा रह है। स्कूल कालेज में सेमिनार लगाया जा रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अपने आसपास पानी को भरने न दें। सप्ताह में कम से कम एक दिन सफाई जरूर करें। बुधवार को 12 पाजिटिव मिले

सेहत विभाग के पास आई रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को 12 डेंगू के पाजिटिव मिले हैं। इनमें से 11 पठानकोट शहर के हैं। एक घरोटा का है। अब तक घरोटा में 18, बधानी में 10, नरोट जैमलसिंह में 3 पठानकोट में 82 और सुजानपुर में एक केस मिले हैं। वहीं जिला ऐपीडिमोलोजिस्ट डा. साक्षी ने टीम को तुरंत उक्त विभागीय टीम को मोहल्लों में स्प्रे और फागिंग करवाने को कहा है। उन्होंने कहा कि मरीजों को एक बार ही 15 से 20 दिनों की दवा दे दी जाती है। अगर किसी को कोई गंभीर समस्या होती है तो वह अस्पताल में आकर डाक्टरों से अपना उपचार करवा सकता है। जरूरत पड़ने पर ही मरीज को भर्ती किया जा रहा है। लोगों को कोरोना के साथ इन बीमारियों से भी सतर्क रहने की जरूरत है।

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