'दिनकर जी की लेखनी में वीर रस और क्रांति का है समावेश'

हिदी विभागाध्यक्ष डा. चंद्रदीप शर्मा ने कहा दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के बेगुसराय जिले के सिमरिया गांव में हुआ था। तीन साल की उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने के कारण उनका बचपन कठिनाइयों में बीतादिनकर भारतीय संस्कृति के गौरव-गायक हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 05:11 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 05:11 PM (IST)
'दिनकर जी की लेखनी में वीर रस और क्रांति का है समावेश'
'दिनकर जी की लेखनी में वीर रस और क्रांति का है समावेश'

जागरण संवाददाता, पठानकोट: आदर्श भारतीय महाविद्यालय पठानकोट के हिदी विभाग द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की जयंती के उपलक्ष्य पर पेंटिग स्लोगन व कविता प्रतियोगिता का आयोजन। प्रिसिपल प्रोफेसर सुनीता गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में समाजसेवी अशोक कुमार मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए। प्रिसिपल प्रो. सुनीता गुप्ता, हिदी विभागाध्यक्ष डा. मनु शर्मा, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. नीरज शर्मा ने मुख्य अतिथि का अभिनंदन किया।

हिदी विभागाध्यक्ष डा. चंद्रदीप शर्मा ने कहा दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 को बिहार के बेगुसराय जिले के सिमरिया गांव में हुआ था। तीन साल की उम्र में सिर से पिता का साया उठ जाने के कारण उनका बचपन कठिनाइयों में बीतादिनकर भारतीय संस्कृति के गौरव-गायक हैं। दिनकर ने अपने समय के चुनौतियों से मुठभेड़ करते हुए मानवता का पथ आलोकित किया है। वे अतीत के गायक ही नहीं, बल्कि वर्तमान के दृष्टा कवि हैं। उन्होंने मानवता के गीत गाए हैं, जो उन्हें कालजयी रचनाकार के रूप मे प्रासंगिक एवं जीवंत बनाता है उन्हें उर्वशी के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार संस्कृति के चार अध्याय के साहित्य अकादमी पुरस्कार 1959 में पदम विभूषण व तीन बार राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया। भागलपुर विश्वविद्यालय के उप कुलपति भी रहे।

प्रिसिपल प्रोफेसर सुनीता गुप्ता ने कहा दिनकर जी की लेखनी में वीर रस और क्रांति का समावेश होता था। मुख्य अतिथि अशोक कुमार ने कहा कि आज का युवक कल का भविष्य है।

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