मदर्स डे : कर्नल मां से मिला देश प्रेम का भाव आगे बढ़ा रहे प्रथम

सेना में अधिकारी बनने के बाद जहां कर्नल अनुवंदन जग्गी अपने फर्ज को पूरी तरह से निभा रही है वहीं बेटे प्रथम सिंह की परवरिश में भी किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:16 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:16 PM (IST)
मदर्स डे : कर्नल मां से मिला देश प्रेम का भाव आगे बढ़ा रहे प्रथम
मदर्स डे : कर्नल मां से मिला देश प्रेम का भाव आगे बढ़ा रहे प्रथम

विनोद कुमार, पठानकोट

सेना में अधिकारी बनने के बाद जहां कर्नल अनुवंदन जग्गी अपने फर्ज को पूरी तरह से निभा रही है, वहीं बेटे प्रथम सिंह की परवरिश में भी किसी तरह की कोई कमी नहीं आने दी। इसी तरह मां से मिले प्यार और दुलार को उनके 17 वर्षीय बेटे प्रथम ने भी बखूबी समझा और अपना लक्ष्य प्राप्त किया। बेटे प्रथम ने विगत दिनों यूपीएससी (एनडीए) में आल इंडिया दूसरा रैंक हासिल किया, जिसके बाद उसकी कर्नल मां अनुवंदन जग्गी अपने आप को सौभाग्यशाली मां महसूस कर रही हैं। कर्नल अनुवंदना जग्गी इस समय दिल्ली में हैं और और उनके पति बलजीत सिंह इस समय कश्मीर में तैनात हैं। बेटा प्रथम सिंह नेशनल डिफेंस अकादमी (पूणा) में लेफ्टिनेंट कर्नल की ट्रेनिग कर रहा है। उनका पुशतैनी घर पठानकोट से सटे गांव पंगौली में है, सेना में होने की वजह से उन्हें ज्यादातर बाहर ही रहना पड़ा।

पति-पत्नी तो सेना में हैं ही वहीं बेटा प्रथम भी उनके दिखाए रास्त पर ही चल रहा है। 17 साल के प्रथम ने यूपीएससी (एनडीए) में आल इंडिया दूसरा रैंक हासिल कर पंजाब का नाम रोशन किया है। उसने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज देहरादून में पढ़ाई के दौरान यह परीक्षा दी थी, जिसमें से पंजाब में इकलौते प्रथम ने ही टाप 10 में जगह बनाई है। इसके अलावा प्रथम को राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कालेज देहरादून द्वारा सर्वश्रेष्ठ कैडेट को दी जाने वाली प्रतिष्ठित स्वार्ड ऑफ ऑनर से भी सम्मानित किया गया है। प्रथम राष्ट्रीय स्तर के घुड़सवार और बेहतरीन एथलीट होने के साथ-साथ शानदार तैराक और स्क्वैश के उत्कृष्ट खिलाड़ी भी हैं। मां से मातृ भूमि की सेवा करने की प्रेरणा मिली

प्रथम सिंह ने कहा कि वह राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की गौरवशाली परम्परा को जारी रखते हुए सेना में सेवाएं देने में सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सेना ही एक मात्र ऐसा संगठन है जहां देश की सेवा सच्ची सैनिक भावना, वीरता, सम्मान और बहादुरी के साथ की जा सकती है और यह भाव उन्हें अपने माता-पिता से ही मिले हैं। उन्ही की वजह से आज मैंने ये मुकाम हासिल किया है। मां से मुझे मातृ भूमि के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा मिली है। ड्यूटी सख्त थी, लेकिन सुबह-शाम जब भी समय मिलता बेटे के साथ बीताती

प्रथम की माता कर्नल अनुवंदना जग्गी का कहना ने बताया कि बेटा प्रथम सिंह नेशनल डिफेंस अकादमी (पूणा) में लेफ्टिनेंट कर्नल की ट्रेनिग कर रहा है। पिता ने जहां परिवार के प्रति अपना फर्ज निभाया वहीं उन्होंने ने अधिकारी पद पर होने के बावजूद भी बेटे के पालन-पौषण में किसी किस्म की कोई कमी नहीं छोड़ी। ड्यूटी सख्त थी, लेकिन सुबह-शाम ड्यूटी के बाद जब भी समय मिलता वह अपने बेटे के साथ व्यतीत करती थीं, ताकि उसे कभी भी ऐसा महसूस न हो कि उसे मां का प्यार नहीं मिला।

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