वाशिग स्टेशनों पर बर्बाद हो रहा रोजाना लाखों लीटर पानी

निगम के लाख यत्नों के बावजूद शहर में वाशिग स्टेशनों पर बर्बाद हो रहा रोजाना लाखों लीटर पानी की बर्बादी की जा रही है। क्रासर-निगम की लापरवाही के कारण बर्बाद हो रहा स्वच्छ पेयजल

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Apr 2019 12:24 AM (IST) Updated:Wed, 24 Apr 2019 12:24 AM (IST)
वाशिग स्टेशनों पर बर्बाद हो रहा रोजाना लाखों लीटर पानी
वाशिग स्टेशनों पर बर्बाद हो रहा रोजाना लाखों लीटर पानी

संवाद सहयोगी, पठानकोट : नगर निगम प्रशासन की तरफ से हर बार पानी की बर्बादी को रोकने के लिए अभियान चलाया जाता है ताकि गलियों नालियों में व्यर्थ बहाए जा रहे पानी को बचाया जा सके। वहीं पानी की बर्बादी करने वाले लोगों के चालान भी काटे जाते हैं लेकिन, इसके बावजूद आज भी नियमों को ताक पर रखकर शहर में वाशिग स्टेशन पर कार, मोटरसाइकिल, ट्रक, ट्रैक्टर आदि वाहनों की धुलाई कर धड़ल्ले से पाली की बर्बादी कर रहे हैं। आए दिन वाशिग संचालक लाखों लीटर स्वच्छ पानी बिना किसी मापदंड के व्यर्थ बहा रहे हैं। कई वाशिग स्टेशनों पर तो वाटर सप्लाई के कनेक्शन के माध्यम से पहले स्वच्छ पानी स्टेशनों पर बने वाटर टैंकों में जमा किया जाता है। फिर उसे गाड़ी धुलाई होती है। निगम प्रशासन कर लापरवाही के कारण प्रतिदिन हजारों लीटर स्वच्छ पानी की बर्बादी हो रही है। वाशिग स्टेशन पर वाहनों के धुलाई के साथ जहां पानी की बर्बादी की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ इसके कारण गंदगी की समस्या भी बढ़ रही है। वाशिग स्टेशनों से निकलने वाला वेस्ट पानी भी गंदगी को बढ़ावा दे रहा है। बिना कॉमर्शियल कनेक्शन चल रहे वाशिग स्टेशन

शहर में कई वाशिग स्टेशन के पानी को सीवरेज में डालने के लिए विभाग की ओर से कॉमर्शियल कनेक्शन की मंजूरी लेनी पड़ती है। लेकिन शहर के ज्यादातर स्टेशन मालिक ने कॉमर्शियल कनेक्शन नहीं लिए हैं। इससे वाशिग स्टेशन मालिक विभाग को लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं।

ब्लॉक हो रही नालियां व सीवरेज

वाशिग स्टेशन से निकलने वाली गाद सीधे नालियों व सीवरेज में जाने से ब्लॉक हो रही है। इसके कारण वाशिग स्टेशनों के आसपास का सीवरेज सबसे अधिक प्रभावित होता है लेकिन संबंधित विभाग इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं। शहर में दो दर्जन से अधिक वाशिग स्टेशन

शहरी क्षेत्र में ही दो दर्जन के करीब वाशिग स्टेशन चल रहे हैं, इन वाशिग स्टेशनों पर रोजाना लाखों लीटर स्वच्छ पेयजल की बर्बादी कर प्रतिमाह 40 से 50 हजार रूपए की कमाई कर रहे हैं।

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अगर वाशिग स्टेशनों पर पानी की बर्बादी की जा रही है तो उनकी चेकिग कर कार्रवाई की जाएगी।

-सतीश सैली, नगर निगम के एक्सईएन

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