शरद पूर्णिमा पर आरोग्य की होती है प्राप्ति
शरद पूर्णिमा पर अमृत तत्व और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
संवाद सहयोगी, सुजानपुर : शरद पूर्णिमा पर अमृत तत्व और आरोग्य की प्राप्ति होती है। यह बात आचार्य योगराज शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा कि अश्वनी मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। शरद पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की चांदनी में अमृत का निवास होता है। इसलिए चंद्रमा की किरणों से अमृत तत्व और आरोग्य की प्राप्ति होती है। शरद पूर्णिमा की रात्रि में गाय के दूध से बनी खीर को खुले पात्र में डालकर रात्रि में खुली चांदनी में रखना चाहिए। अगले दिन प्रात काल भगवान को भोग लगाकर निराहार इस खीर का सेवन करना चाहिए। यह आरोग्य प्राप्ति के लिए भगवान का दिया गया वरदान है। इस बार पूर्णिमा 30 अक्टूबर को शाम 5:46 से लेकर 31 अक्टूबर शाम 5:38 तक है। इसलिए 30 अक्टूबर को रात्रि की पूर्णिमा होने के कारण शरद पूर्णिमा तथा अर्ध देने वाली पूर्णिमा 30 अक्टूबर को मनाना उचित है।