नर्सिग स्टाफ हड़ताल पर, मरीज वार्डो में होते रहे परेशान

नर्सिंग स्टाफ ने दूसरे दिन भी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रखी। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Nov 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 10 Nov 2021 06:00 AM (IST)
नर्सिग स्टाफ हड़ताल पर, मरीज वार्डो में होते रहे परेशान
नर्सिग स्टाफ हड़ताल पर, मरीज वार्डो में होते रहे परेशान

जागरण संवाददाता, पठानकोट : नर्सिंग स्टाफ ने दूसरे दिन भी मांगों को लेकर हड़ताल जारी रखी। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ ने पंजाब सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते मांगों को लागू न किया तो आगामी विधानसभा चुनाव में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

नर्सिग स्टाफ ने चेयरपर्सन सुषमा शर्मा और प्रधान परमिद्र कौर के नेतृत्व में एसएमओ कार्यालय के बाहर पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। हड़ताल के दौरान नर्सिग स्टाफ ने वार्डो के अलावा इमरजेंसी, कोविड, आर्थो आपरेशन, आपरेशन थिएटर और अन्य विभागों में कामकाज ठप रखा। इस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। मेल वार्ड, फीमेल वार्ड में भर्ती मरीजों की पट्टियां वगैरह से लेकर अन्य कोई भी कार्य नहीं हुआ।

मांगें पूरी होने तक संघर्ष रहेगा जारी : प्रधान

जिला नर्सिंग एसोसिएशन की प्रधान परमिदर कौर ने कहा कि कोविड के दौरान सबसे अधिक काम नर्सिंग स्टाफ ने किया। अपनी जान की परवाह किए बगैर कोविड केयर सेंटरों में ड्यूटियां दीं। लेकिन, सरकार ने न तो वेतन में बढ़ोतरी की और न ही आउटसोर्स कर्मचारियों को रेगुलर किया। सरकार की अनदेखी से नर्सिंग स्टाफ आहत है। यूनियन द्वारा सेहत सचिव से मुलाकात की गई पर बैठक बेनतीजा रही। इसके चलते हड़ताल को अनिश्चितकाल तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से नर्सिग कैडर मांगों को लेकर पंजाब सरकार को चेतावनी देते आ रहा है, लेकिन प्रदेश सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर उपप्रधान बलजिद्र कौर, कैशियर वीना देवी, उप-कैशियर मंजू, जनरल सेक्रेटरी नवजोत, प्रेस सचिव शिवानी, सत्या देवी, रमन कुमारी, सृष्टा देवी, सर्बजीत कौर, शुभ रानी आदि मौजूद रहे। एसएमओ बोले, बिना स्टाफ अस्पताल चलाना मुश्किल

एसएमओ डा. राकेश सरपाल ने कहा कि जिला नर्सिंग एसोसिएशन का मांगपत्र सिविल सर्जन को भेज दिया है। उच्चाधिकारियों को इस बाबत अवगत करवा दिया जाएगा। बिना स्टाफ अस्पताल चलाना मुश्किल होगा। एक-दो दिन की हड़ताल में आउटसोर्स और ट्रेनी स्टाफ से काम चलाया जा सकता है। लेकिन, अनिश्चितकाल हड़ताल में स्टाफ की कमी खलेगी। मरीज परेशान होंगे। यह हैं मांगें

-छठे वेतन आयोग की त्रुटि को दूर किया जाए

-डाइट, यूनिफार्म, नर्सिग केयर, नाइट ड्यूटी अलाउंस, ट्रैवल अलाउंट आदि दिए जाएं

-सितंबर 2020 को जो भी नर्सिग स्टाफ केंद्र के पे-स्केल पर रखे गए हैं, उन्हें पंजाब के अंडर लाया जाए

-2004 के बाद वाले पक्के मुलाजिमों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम बहाल की जाए

-कच्चे मुलाजिमों को पक्का किया जाए और आउटसोर्सिग नर्सिग स्टाफ, जिन्होंने कोरोना काल में फ्रंटलाइन पर रहकर ड्यूटी निभाई उनको रेगुलर भर्ती किया जाए

-दूसरे राज्यो में नर्सिग अफसर का पद दिया गया है। उसकी तर्ज पर नर्सिग स्टाफ का पद पंजाब में लागू किया जाए, जिसका कोई वित्तीय बोझ सरकार पर नहीं पड़ेगा।

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