प्राइमरी और सीनियर सेकेंडरी के डीईओ को नोटिस, कहा- काम सुधारें नहीं तो सेवानिवृत्ति ले लें

शिक्षा सचिव ने प्राइमरी व सीनियर सेकेंडरी स्कूल बमिायल के परिसर में कई जगह जल भराव की समस्या देखी। इसकी निकासी को किसी भी प्रकार का कोई प्रबंध नहीं था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 10:25 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 10:25 PM (IST)
प्राइमरी और सीनियर सेकेंडरी के डीईओ को नोटिस, कहा- काम सुधारें नहीं तो सेवानिवृत्ति ले लें
प्राइमरी और सीनियर सेकेंडरी के डीईओ को नोटिस, कहा- काम सुधारें नहीं तो सेवानिवृत्ति ले लें

जागरण संवाददाता, पठानकोट/बमियाल: प्राइमरी और सीनियर सेकेंडरी स्कूल के जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा विभाग की ओर से शोकाज नोटिस भेजा है। इसमें दोनों अधिकारियों की कार्यकुशलता पर सवाल उठाया गया है। इसमें कहा गया है कि व्यवस्था में सुधार लाएं नहीं तो प्री-मेच्योर रिटायरमेंट ले लें।

दरअसल, वीरवार को शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार नेशनल अचीवमेंट सर्वे संबंधित अध्यापकों के लगाए जा रहे सेमिनारों का जायजा लेने के लिए अचानक दौरा किया था। उन्होंने इस दौरान कई स्कूलों का निरीक्षण किया। सुबह सवा नौ बजे सचिव सरकारी सीनियर स्कूल मलिकपुर में चल रहे अचीवमेंट सर्वे संबंधित सेमिनार में पहुंचे थे। उन्होंने अध्यापकों के साथ बैठक में रिसोर्स पर्सन की तरफ से अध्यापकों को नेशनल अचीवमेंट सर्वे संबंधी दिए जा रहे प्रशिक्षणों की जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने सरकारी प्राइमरी स्कूल व सीनियर सेकेंडरी स्कूल बमियाल का दौरा किया। यहां पर उन्होंने स्थिति का जायजा लिया। उन्हें प्राइमरी व सीनियर सेकेंडरी स्कूल के परिसर में कई जगह जल भराव की समस्या देखी। इसकी निकासी को किसी भी प्रकार का कोई प्रबंध नहीं था। इसपर उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को फटकार लगाई। इसके बाद बीपीईओ आफिस बमियाल, सीनियर सेकेंडरी स्कूल तारागढ़, बीपीइओ आफिस नरोट जैमल सिंह भी पहुंचे।

यह नोटिस बलदेव राज जिला शिक्षा अधिकारी प्राइमरी व जसवंत सिंह जिला शिक्षा अधिकारी सीनियर सेकेंडरी को भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि उन्हें सरकारी सेवा से लोक हित में प्री-मेच्योर रिटायर करने की शिक्षा सचिव ने समग्र राय बनाई है। इसमें नोटिस के जारी होने के तीन महीने बाद प्री मेच्योर रिटायरमेंट किए जाने की अनुशंसा की गई है। साथ ही कहा गया है कि वह इस संबंध में कारण स्पष्ट कर सकते हैं, जिसपर विचार किया जाएगा। अगर कोई प्रार्थना पत्र है तो जांच करके 20 दिन के अंदर पहुंचाया जाए। अगर इस दौरान कोई पत्र प्राप्त नहीं होता तो कार्रवाई की जाएगी।

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