पुराने पांच मरला प्लाट धारकों को देना पड़ेगा पानी-सीवरेज का बिल, नए मरले 225 स्कवायर फीट के हिसाब से

शहरी आबादी में 272 स्केयर फीट (पुराना एक मरला) नहीं बल्कि 225 स्कवायर फीट (नया एक मरला) वालों को ही पानी व सीवरेज के बिलों में छूट मिलेगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 10:47 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 10:47 PM (IST)
पुराने पांच मरला प्लाट धारकों को देना पड़ेगा पानी-सीवरेज का बिल, नए मरले 225 स्कवायर फीट के हिसाब से
पुराने पांच मरला प्लाट धारकों को देना पड़ेगा पानी-सीवरेज का बिल, नए मरले 225 स्कवायर फीट के हिसाब से

जागरण संवाददाता, पठानकोट : शहरी आबादी में 272 स्केयर फीट (पुराना एक मरला) नहीं बल्कि 225 स्कवायर फीट (नया एक मरला) वालों को ही पानी व सीवरेज के बिलों में छूट मिलेगी। आने वाले दिनों में निगम द्वारा शहर में सर्वे करवाया जाएगा, जिसके तहत केवल उन धारकों को ही इस सूची में रहने दिया जाएगा जिनका रकबा 225 स्कवायर फीट के हिसाब से है। इसके लिए प्लानिग हो चुकी है।

गौरतलब है कि पिछले सप्ताह वाटर सप्लाई ब्रांच ने अपने स्तर पर चेकिग कर कुछ लोगों से वसूली भी की थी और अब आने वाले दिनों में वाटर सप्लाई ब्रांच अपने टारगेट को पूरा करने के लिए रिकवरी का काम रूटीन में करेगी। वाटर सप्लाई ब्रांच द्वारा पिछले दिनों शहर के आनंदपुर रड़ा में दो, अबरोल नगर, घरथौली मोहल्ला, माडल टाउन व पटेल नगर में चेकिग कर छह धारकों को जुर्माना किया गया था। उक्त धारक पुराने पांच मरला के हिसाब से बिल माफी ले रहे थे। उक्त धारकों से 2.18 लाख रुपए की रिकवरी की है।

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एक सप्ताह में वाटर सप्लाई से 5.12 तथा ट्रेड लाइसेंस से आए 14 लाख

नगर निगम की वाटर सप्लाई ब्रांच ने यहां रिकवरी को बढ़ाते हुए पिछले एक सप्ताह में 5.12 लाख का राजस्व प्राप्त किया है। इससे पहले निगम ने एक सप्ताह के भीतर कभी भी इतनी रिकवरी नहीं की है। इसी प्रकार ट्रेड लाइसेंस फीस ने भी पिछले पंद्रह दिनों में 14 लाख से अधिक का राजस्व हासिल किया है। वहीं रेंट ब्रांच ने करीब एक हजार धारकों से ट्रेड लाइसेंस फीस के रूप में इतनी राशि वसूली है। क्यों पड़ी जरूरत

नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि वर्ष 2006 में तत्कालीन राज्य सरकार ने शहरी आबादी में रहने वाले पांच मरला प्लाट धारकों को सीवरेज व पानी के बिलों में छूट दी थी। उस समय पठानकोट नगर कौंसिल हुआ करता था। स्टाफ भी कम था, जिस कारण सर्वे करने का काम नहीं करवाया जा सका। अब निगम बन चुका है और एरिया भी पचास किलोमीटर के करीब बढ़ गया है। हालांकि, एरिया बढ़ने के बाद सभी ब्रांचों को स्टाफ भी मिला है। इसके बाद सर्वे करवाकर एक्चुअल रिपोर्ट भी बन जाएगी और वाटर सप्लाई ब्रांच को प्रति वर्ष 5 करोड़ का मिलने वाला टारगेट पूरा करने में भी आसानी होगी। नए मरले के हिसाब से ही मिलेगी सुविधा : सुपरिंटेंडेंट

नगर निगम के सुपरिटेंडेंट अश्वनी कुमार ने स्पष्ट किया कि निकाय विभाग की नोटिफिकेशन मुताबिक शहरी आबादी में केवल 225 स्कवायर फीट के हिसाब से पांच मरले प्लाट धारकों को ही वाटर सप्लाई व सीवरेज की सुविधा मुफ्त मिलेग। अगर धारक का प्लाट 275 स्कवायर फीट के हिसाब से है तो उसे यह सुविधा नहीं मिलेगी। नए पांच मरले के अधीन आने वाले धारकों की पहचान के लिए अगले महीने से सर्वे शुरू करवाया जाएगा। उसमें जो भी 225 स्कवायर फीट वाले धारक होंगे उन्हें ही इसमें शामिल किया जाएगा। ऐसे समझें

पुराना एक मरला - 272 स्कवायर फीट

पुराना पांच मरला - 1360 स्कवायर फीट

(इन्हें फ्री सुविधा नहीं मिलेगी)

नया एक मरला - 225 स्कवायर फीट

नया पांच मरला - 1125 स्कवायर फीट

(इन्हें फ्री सुविधा मिलेगी)

प्रदेश में 2010 से पहले 272 स्केयर फीट के हिसाब से मरला होता था, लेकिन बाद में इसका प्रारूप बदल गया। अब जिले में 272 की बजाय 225 स्कवायर फीट के हिसाब से मरला की बिक्री होती है। सरकार द्वारा दी गई सुविधा अनुसार 225 स्कावयर फीट (कुल 1125 स्कवायर फीट) वालों पर ही यह सुविधा लागू होती है।

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