घरोटा में आइटीआइ नहीं, युवा तकनीकी शिक्षा से हो रहे वंचित
कई सरकारें आई पर घरोटा इलाके में आइटीआइ कालेज की नींव नहीं रख सकीं।
संवाद सहयोगी, घरोटा : कई सरकारें आई पर घरोटा इलाके में आइटीआइ कालेज की नींव नहीं रख सकीं। तकनीकी शिक्षा के लिए युवाओं को कोई मदद नहीं मिल सकी। सरकारें व राजनेता तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राग अलापते रहे हैं, लेकिन क्षेत्र के 50 गांवों के लिए आज तक कोई भी डिग्री कालेज, पालीटेक्निक, आइटीआइ संस्थान नहीं खुल सका। इसके चलते अधिकतर विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने को दूर जाना पड़ता है। इससे सबसे अधिक लड़कियों को परेशान होना पड़ रहा है, क्योंकि अधिकतर अभिभावक आज भी अपने बच्चों को दूरदराज स्थानों पर भेजने से कतराते है। करीब दो दशकों से आइटीआइ की मांग सिरे नहीं चढ़ रही है, इस कारण लोगों में निराशा के भाव हैं।
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नेताओं ने तालियां बटोरी पर संस्थान नहीं खुला : रंजीत
यूथ नेता राणा रंजीत सिंह ने कहा कि अब तक नेताओं ने आइटीआइ व डिग्री कालेज घरोटा खोलने के नाम पर सिर्फ तालियां बटोरी है। जबकि इसे अमलीजामा पहनाने की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया।
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12वीं के बाद आगे की पढ़ाई के विकल्प नहीं : अनुराग
डाक्टर अनुराग महाजन ने कहा कि जमा दो के उपरांत शिक्षा का क्षेत्र में कोई प्रबंध न होने से अकसर बच्चे शिक्षा छोड़ देते हैं। जल्द क्षेत्र में आइटीआइ खोलने की मांग को पूरा किया जाए।
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सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए : सुभाष
समाजसेवी ठाकुर सुभाष सिंह सलारिया ने कहा कि आइटीआइ क्षेत्र की अहम व बड़ी मांग है। पिछली सरकारों ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया। जल्द सरकार व विधायक के ध्यान में लाकर इस को पूरा करने का प्रयास करेंगे।
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सरकार प्रदान करे राहत: सुलखन सिंह
युवा सुलखन सिंह ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में रोजगार की कमी है, ऐसे में निजी क्षेत्र ही उनके लिए बड़ा सहारा है। तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्हें नौकरी या स्वरोजगार के रास्ते खुल सकते हैं।