निगम से नए जुड़े एरिया में फंड की कमी के कारण डोर टू डोर कूड़ा लि¨फ्टग की सुविधा बंद

आर्थिक तंगी से जूझ रही नगर निगम के लिए यहां नए प्रोजेक्ट शुरू कर पाना मुश्किल हो गया है, वहीं पहले से चल रहे कार्य भी रुके पड़े हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Nov 2018 11:34 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 11:34 PM (IST)
निगम से नए जुड़े एरिया में फंड की कमी के कारण डोर टू डोर कूड़ा लि¨फ्टग की सुविधा बंद
निगम से नए जुड़े एरिया में फंड की कमी के कारण डोर टू डोर कूड़ा लि¨फ्टग की सुविधा बंद

जागरण संवाददाता, पठानकोट

आर्थिक तंगी से जूझ रही नगर निगम के लिए यहां नए प्रोजेक्ट शुरू कर पाना मुश्किल हो गया है, वहीं पहले से चल रहे कार्य भी रुके पड़े हैं। शहर की भांति नए जुड़े एरिया में निगम ने पिछले वर्ष डोर टू डोर कूड़ा एकत्र करने का काम शुरु किया था जो पिछले कई दिनों से बंद पड़ा है। कूड़े की लि¨फ्टग न होने के कारण जगह-जगह गंदगी के ढेर लग चुके हैं जो वार्ड की सुंदरता को तो खराब करते ही हैं साथ ही साथ इससे कई प्रकार की बीमारियां फैलने का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। बात यह भी नहीं है कि उक्त समस्या निगम अधिकारियों के ध्यान में न हो सब कुछ जानते हुए भी वह आंखें मूंद समय पास करने को विवश है। उधर, नए जुड़े एरिया से संबंधित लोगों का कहना है कि निगम उनसे प्रापर्टी टैक्स से लेकर पानी व नक्शा पास करवाने का टैक्स वसूल रहा है परंतु बदले में उन्हें न के समान ही सुविधाएं दे रहा है। ऐसे में अगर सुविधाएं ही मुहैया नहीं करवानी तो फिर टैक्स किस बात का लिया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2011 को पठानकोट को पहले जिला बनाया गया और कुछ ही दिनों बाद नगर कौंसिल को नगर निगम का दर्जा दिया गया। लेकिन, नगर निगम में आने पर कई गांवों ने एतराज जता दिया जिस कारण इसे निगम का दर्जा मिलने में दो साल का ओर इंतजार करना पड़ा। वर्ष 2013 में इसे निगम का स्थायी रुप से दर्जा मिल गया। वर्ष 2015 में निगम का चुनाव हुआ और अप्रैल माह में पठानकोट को अनिल वासुदेवा के रुप में पहले मेयर मिले। पिछले वर्ष निगम की ओर से शहर की भांति नए जुड़े एरिया में भी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट करने का काम शुरु हुआ। ठेकेदार के कर्मी वार्ड-वार्ड ट्राली लेकर जाते ओर लोगों से कूड़ा कलेक्ट करते। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्ट होने के बाद लोगों को काफी सुविधा मिली। इससे यहां वार्डों में गंदगी कम हुई वहीं कूड़ा भी सही प्रकार से लिफ्ट होने लगा। पिछले लगभग दो माह से कूड़ा लिफ्ट होना बंद हो गया है। लि¨फ्टग बंद होने से यहां लोग खुद कूड़ा एकत्र कर खुले में फेंकने को मजबूर हो गए हैं वहीं कई लोग रात के वक्त अंधेरों का फायदा उठाते हुए मेन रास्ते के आस-पास अथवा वार्ड के पास ही खुली जगह पर कूड़ा फैंक देते हैं। खुले में कूड़ा फेंकने से यहां आस पास के घरों में रहने वालों को परेशानी होती है वहीं निगम की कार्यप्रणाली को लेकर भी आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

सुविधाएं नहीं देनी तो टैक्स किस बात का

वार्ड नंबर 47 के रहने वाले पूर्व ब्लाक समिति सदस्य अजय महाजन, पूर्व सरपंच नीरजा महाजन, पूर्व सरपंच सूख राज, संजीव कुमार, वार्ड 46 निवासी राजेश कुमार, सुरेश कुमार, मोहन लाल, अश्वनी कुमार, सुरजीत कुमार, वार्ड 49 विनोद कुमार, श्रवण ¨सह, बब्बर, वार्ड 50 निवासी ज¨तद्र ¨सह, जितेंद्र परदेशी आदि ने बताया कि आए दिन कभी वाटर सप्लाई, कभी बि¨ल्डग ब्रांच तो कभी प्रापर्टी टैक्स की टीमें लोगों को अपना टैक्स जमा करवाने के लिए कहती है। लोग टैक्स जमा भी करवा रहे हैं लेकिन, दुख इस बात का है कि टैक्स देने के बावजूद भी लोगों को निगम की ओर से किसी प्रकार की कोई सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई जा रही। कई वार्डों में आज भी लोगों को गंदा पानी मिल रहा है। कर्मचारियों को बताने के बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो पाता। ऐसे में निगम उन्हें टैक्स जमा करवाने के लिए तो कहती है लेकिन, सुविधाएं देने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि अगर सुविधाएं नहीं मिलनी तो फिर वह टैक्स किस बात का दें।

टेंडर खत्म होने के कारण आई समस्या

उधर, इस संदर्भ में जब नगर निगम के सुपरिंटेंडेंट कम सफाई व्यवस्था के इंचार्ज इंद्रजीत ¨सह से बात की तो उनका कहना था कि नए जुड़े एरिया से कूड़ा लिफ्ट करने का टेंडर खत्म होने की वजह से काम रुका पड़ा है। कूड़ा लि¨फ्टग के लिए टेंडर जारी करवा दिया गया है ओर कुछ दिनों के भीतर सारी कार्रवाई पूरी हो जाएगी। टेंडर अलाट होते ही ठेकेदार अपने कर्मचारियों को भेज कर कूड़ा उठाने का काम शुरु करवा देगा।

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