कांग्रेस में रोज बन रहे नए समीकरणों से वर्कर बैकफुट पर
रोज-रोज काग्रेस में बदल रहे समीकरणों के कारण काग्रेस के वर्कर भी इस समय असमंजस में हैं। कई तो बैकफुट पर हो गए हैं। उनकी ओर से चुनाव के लिए चलाए जा रहे अभियान में अस्पष्टता जाहिर होती है। इस समय में ज्यादातर कार्यकर्ता इस कश्मकश में हैं कि वे सिद्धू के लिए प्रचार करें या फिर चन्नी के लिए। या फिर वे दो-तीन दिन ओर रुककर देखें कि पार्टी की क्या स्थिति रहती है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: कांग्रेस में हर रोज बन रहे नए समीकरण से कार्यकर्ता भी असमंजस में है। सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कुछ दिन पहले तक कांग्रेस की ओर से करीब एक दर्जन नेता चुनाव की रणनीति तैयार करने में जुटे हुए थे। अब हालात पूरी तरह से बदल गए हैं। भानू प्रताप सिंह, अमित मंटू, विनय महाजन और एडवोकेट अशीष कुमार के अलावा कुछ और नेता ही मैदान में दिखाई दे रहे हैं। वहीं भाजपा के विधायक दिनेश सिंह बब्बू वोटरों के द्वार तक पहुंच रहे हैं। लगातार अपने जनसंपर्क अभियान से हवा का रुख बदलने में लगे हुए हैं।
विधायक दिनेश सिंह बब्बू ने इन दिनों मेरा बूथ, मेरा परिवार मुहिम चलाया हुआ है। इस मुहिम से अब तक सैकड़ों परिवार को जोड़ चुके हैं। इसमें विधायक बब्बू अपने कार्यकाल की उपलब्धियां व कांग्रेस सरकार की नाकामी को उजागर करते हैं। साथ ही वह बताते हैं कि कांग्रेस पूरी तरह से फेल हो चुकी है। हर रोज नए समीकरण बन रहे हैं। कुर्सी के लिए झगड़ा हो रहा है। उस पार्टी का क्या आस्तित्व हो सकता है।
उधर, रोज-रोज काग्रेस में बदल रहे समीकरणों के कारण काग्रेस के वर्कर भी इस समय असमंजस में हैं। कई तो बैकफुट पर हो गए हैं। उनकी ओर से चुनाव के लिए चलाए जा रहे अभियान में अस्पष्टता जाहिर होती है। इस समय में ज्यादातर कार्यकर्ता इस कश्मकश में हैं कि वे सिद्धू के लिए प्रचार करें या फिर चन्नी के लिए। या फिर वे दो-तीन दिन ओर रुककर देखें कि पार्टी की क्या स्थिति रहती है। वहीं इस मामले में पीपीसीसी के पूर्व सचिव विनय महाजन का कहना है कि काग्रेस में चल रहे घटनाक्रम से वर्करों का मनोबल कम जरूर ह8्आ है, लेकिन दो-तीन दिन में मामला सुलझा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री से लेकर प्रधान पद कांग्रेस में हो रही उठापटक: बब्बू
विधायक दिनेश सिंह बब्बू का कहना है कि सुजानपुर ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति दिन व दिन पतली होती जा रही है। सभी नेता केवल सीट के लिए रेस में लगे हुए हैं। दो दिनों तक चले ड्रामे में आखिरकार चन्नी को कमान सौंपने का फैसला लिया गया, जिस पर पहले सिद्धू ने उनके साथ होने की बात कही और बाद में नाराजगी जताते हुए प्रदेश प्रधानगी से इस्तीफा दे दिया। आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होगी जब पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस के बड़े नेताओं को अपने साथ लेकर जाएंगे। वर्करों मनोबल कम हुआ है, पर भाजपा सुजानपुर में मजबूत नहीं: विनय महाजन
पीपीसीसी पूर्व सचिव विनय महाजन का कहना है कि मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के बीच सहमति न बन पाने के कारण हाईकमान ने जो फैसला लिया है वह पूरी तरह से ठीक है। इस बात से जरुर सहमत हूं कि कुछ दिनों से पार्टी के नेताओं की बीच चल रहे घटनाक्रम से कार्यकर्ताओं का मनोबल थोड़ा कम जरुर हुआ होगा। यहां पर हम चुनाव हार जाते हैं वहां पर इसका असर थोड़ा ज्यादा देखने को जरूर मिलता है। फिर भी सुजानपुर में भाजपा की स्थिति इतनी मजबूत नहीं है। दो-तीन दिन में सारा मामला सुलझा लिया जाएगा जिससे कार्यकर्ताओं को अपना मनोबल कम करने की जरूरत नहीं है।