सरना में एमआरएफ का काम अंमित चरण में, अगले महीन शुरू होगा खाद बनाने का काम
शहर से निकलने वाले कूड़े का वहीं से समाधान करने की योजना के तहत निगम द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरना में बनाए जा रहे मल्टी रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) का काम अंतिम चरण में है।
विनोद कुमार, पठानकोट
शहर से निकलने वाले कूड़े का वहीं से समाधान करने की योजना के तहत निगम द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरना में बनाए जा रहे मल्टी रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) का काम अंतिम चरण में है। अगले महीने से यहां पर गीले कूड़े से खाद बनाने का काम शुरू हो जाएगा। करीब 35 लाख की लागत से वहां नई मशीन लगाई जाएगी जो रोजाना सात से आठ टन गीले कूड़े का समाधान करेगी। उक्त गीले कूड़े से खाद तैयार कर निगम जहां किसानों को बेचकर अपनी आय बढ़ाएगी, वहीं सूखे कूड़े का भी डेयरीवाल में वेलिग मशीन लगाकर समाधान किया जाएगा। शहर में रोजाना 60 से 65 टन तक कूड़ा निकलता है, जिसमें 30 टन गीला व 35 टन सूखा कूड़ा होता है। निगम बनाएगा सात एमआरएफ
कूड़े के स्थायी समाधान को लेकर निगम द्वारा सात एमआरएफ (मल्टी रिकवरी फैसिलिटी) बनाए जाएंगे ताकि शहर को साफ बनाया जा सके। निगम द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहला एमआरएफ सरना में बनाया जा रहा है, जिसका 80 फीसद से ज्यादा काम कंप्लीट हो गया है। इसके अलावा आने वाले महीनों में निगम दौलतपुर डिस्पोजल प्लांट, गौशाला रोड, मलिपकुर, डेयरीवाल, सरना, लमीनी स्लाटर हाउस एरिया में एमआरएफ बनाकर उक्त एरिया के कूड़े का वहीं पर समाधान कर देगा। 50 वार्डों में डोर-टू-डोर कलेक्शन का काम शुरू
निगम द्वारा कूड़े के समाधान को लेकर शहर के सभी पचास वार्डों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने का काम शुरू करवा दिया है। करीब एक साल पहले निगम ने पहले फेज में चार वार्डों से कलेक्शन शुरू की थी, जो धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। अब निगम के अधीन आते हरेक वार्ड में रिक्शा पुलर लोगों के घरों से गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग करके उठाकर उसे डंपिग स्थान तक पहुंचा रहे हैं।
सूखा कूड़ा सड़क बनाने में किया जाएगा इस्तेमाल
उधर, नगर निगम के मेडिकल आफिसर डाक्टर एनके सिंह ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के शहर के कूड़े के समाधान को लेकर सात एमआरएफ बनाए जाएंगे, जिसमें से पहला एमआरएफ सरना में बनाया जा रहा है। उक्त प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है। अगले महीने तक यह शुरू हो जाएगा। डाक्टर एनके सिंह ने बताया कि यहां एक सेमि कंपोस्टिग मशीन लगेगी, जिसमें गीला कूड़ा डाल कर कंपोस्ट किया जाएगा। इसके बाद कंपोस्ट को पिट्स में डाला जाएगा जहां सात-आठ दिनों में खाद तैयार हो जाएगी। सूखे कूड़े को डेयरीवाल स्थित डंपिग स्थल पर पहुंचाया जाएगा। डेयरीवाल में भी बहुत जल्द एक वेलिग मशीन लगाई जाएगी। मशीन कूड़े को प्रेस करेगी। फिर उसे सड़कों में डाली जाने वाली तारकोल में इस्तेमाल किया जा सकेगा।