मानसून दस्तक दे चुका, अब तक सिर्फ 10 फीसद नालों की हुई सफाई

पंजाब में इस बार मानसून ने जल्दी दस्तक दे दी है। यह पहली बार हुआ है जब पंजाब में मानसून 17 दिन पहले ही पहुंच गया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 05:00 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 05:00 AM (IST)
मानसून दस्तक दे चुका, अब तक सिर्फ 10 फीसद नालों की हुई सफाई
मानसून दस्तक दे चुका, अब तक सिर्फ 10 फीसद नालों की हुई सफाई

जागरण संवाददाता, पठानकोट : पंजाब में इस बार मानसून ने जल्दी दस्तक दे दी है। यह पहली बार हुआ है जब पंजाब में मानसून 17 दिन पहले ही पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून ने 13 जून को दस्तक दी है। एक सप्ताह पहले जमकर बारिश भी हुई, जून में ही 20 एमएम बारिश हो चुकी है, परंतु प्रशासनिक अधिकारियों की तैयारी अभी भी अधूरी ही है। जिस नालों की सफाई का काम चल रहा है, इस हिसाब से तो निगम चार माह बाद ही काम पूरा करवा पाएगा। जमीनी हकीकत अभी भी चिताजनक है। अबतक जिले में केवल 10 फीसद ही ड्रेन की सफाई हुई है। गौर हो कि 14 मई को नगर निगम क्षेत्र के अधीन आते नालों की सफाई का काम गरथौली व आनंदपुर से शुरू हुआ था।

वहीं प्रशासनिक अधिकारी का दावा है कि बरसाती नालों की सफाई का काम तेजी से चल रहा है, ताकि बरसात के समय कहीं भी जलभराव की स्थिति पैदा न हो। सफाई का काम एक निजी कंपनी को दिया गया है। इस कम में कर्मचारियों के साथ साथ जेसीबी, ट्रैक्टर ट्राली का भी प्रयोग किया जा रहा है। इस संबंध में जिला उपायुक्त ने भी आदेश जारी कर जल्द काम पूरा करने को कहा है। नालों की सफाई न होने से कई घंटों तक सड़क पर जलभराव की समस्या बनी रहती है। गर नालों की सफाई सही हुई तो पानी निकासी में ज्यादा समय नहीं लगता। तालमेल न होने के कारण फंसा रहा पेंच

बरसाती पानी की निकासी के प्रबंधों की योजना विभागों के बीच तालमेल न होने के कारण काफी समय से पेंच फंसा रहा। इसका सबसे बड़ा कारण निगम का पुनर्गठन न होना है। निकाय चुनाव 14 फरवरी को करवाए गए। 15 फरवरी का परिणाम की घोषणा हुई। करीब दो माह तक पार्षदों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम ही नहीं हुआ। सरकार की ओर से इस बारे में कभी सुध ही नहीं ली गई है। शपथ ग्रहण के बाद पुनर्गठन में काफी समय लग गया। एफएंडसीसी की बैठक में इसको लेकर मंथन हुआ। लोगों की समस्याओं को जानने का प्रयास किया गया और फिर इसके बाद इसका ठेका जारी किया गया। इसको लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी कभी संजीदा नहीं दिखे। सिर्फ एक दूसरे की जिम्मेदारी डालकर समय बिताते रहे। बरसाती नालों की हालत यह है कि कई नाले कचरे और मिट्टी से जाम हो चुके हैं। उसे खोलने में कर्मचारियों को समय लग रहा है। इस संबंध में सुपरिटेंडिग इंजीनियर सुरजीत सिंह का कहना है कि अभी दस फीसद काम हुआ है। 25 दिनों के अंदर मेन नालों का काम पूरा कर लिया जाएगा, ताकि बरसाती पानी न रुके। इन एरिया में बन जाती है जलभराव की स्थिति

गांधी चौक, एमपी बाजार, काली माता मंदिर, मीरपुर कालोनी, आनंदपुर, शाहपुर चौक, गरथौली मोहल्ला, सिविल अस्पताल रोड, ढांगू रोड, ऊंची पुली, ढांगूपीर आदि।

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