नर्से हड़ताल पर, आउटसोर्स कर्मियों पर लेबर रूम और इमरजेंसी का बोझ
सेहत प्रबंधन का कहना है कि स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने के कारण पेश आ रही समस्याओं संबंधी उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रेंड स्टाफ के न होने की वजह से आप्रेशनों को बंद करने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: नर्सिग स्टाफ के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण सिविल अस्पताल में लेबर रूम व इमरजेंसी सेवाओं को चलाने की पूरी जिम्मेवारी आउटसोर्स कर्मियों पर आ गई है। वहीं आउट सोर्स कर्मियों के ट्रेंड न होने के कारण लेबर रूम व इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हो गई हैं। केवल इलेक्टिव सर्जरी ही हो पा रही है बाकी आप्रेशन फिलहाल बंद कर दिए गए हैं। जच्चा-बच्चा वार्ड में दाखिल बच्चों को भी प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट किया जा रहा है। सेहत प्रबंधन का कहना है कि स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने के कारण पेश आ रही समस्याओं संबंधी उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रेंड स्टाफ के न होने की वजह से आप्रेशनों को बंद करने के अलावा उनके पास कोई और विकल्प नहीं है।
उधर, हड़ताल पर बैठी जिला नर्सिग एसोसिएशन की चेयरपर्सन सुषमा व प्रधान परमिद्र कौर ने कहा कि सरकार सरकार नर्सिग कैडर की उचित मांगों को लागू करने में हिचकिचा रही है। समय-समय पर नर्सिंग स्टाफ ने सरकार को अपनी मांगों संबंधी अवगत करवाया परंतु हर बार सिवाय आश्वासनों के हाथ कुछ नहीं लगा। मजबूरन उन्हें संघर्ष का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। उन्होंने कहा कि स्टाफ की कमी के कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कच्चे मुलाजिमों को सरकार जल्द से जल्द पक्का करके समस्या का समाधान करे। जब तक उनकी मांगों तथा पे-कमीशन की खामियों को दूर नहीं होतीं, तब तक वह हड़ताल पर रहेंगे, जिसकी सारी जिम्मेवारी सरकार और सेहत विभाग की होगी।
इस मौके पर उपप्रधान बलजिद्र कौर, शिवानी, महासचिव नवजौत कौर, कैशियर वीना रानी, मुख्य सलाहाकार सुकृति, ज्योति बाला, अरुण कुमार, ज्योति व रणजीत कौर आदि मौजूद थे।