एक साथ तैराकी में उतरेंगी शहर की दो बेटियां

किरण और हिताक्षी स्विमिग का उबरते हुए दो युवा चेहरे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Oct 2019 10:38 PM (IST) Updated:Fri, 25 Oct 2019 06:14 AM (IST)
एक साथ तैराकी में उतरेंगी शहर की दो बेटियां
एक साथ तैराकी में उतरेंगी शहर की दो बेटियां

जागरण संवाददाता, पठानकोट : किरण और हिताक्षी स्विमिग का उबरते हुए दो युवा चेहरे हैं। पठानकोट की दोनों बेटियां अपनी तैराकी के हुनर से जानी जाती हैं। स्कूल वर्ग की राष्ट्रीय तैराकी स्पर्धा में दोनों बहनें एक साथ मुकाबलों में उतरेंगी। इससे पहले दोनों खिलाड़ी स्टेट स्विमिग चैंपियनशिप में जलबा दिखा चुकी हैं। दोनों ने अपनी सफलता से सभी को चौंकाया है और अब वे आने वाले समय में बेहतरीन स्विमिग प्लेयर बनने की राह पर हैं। एक मध्यमवर्गीय परिवार से दोनों बहनों ने राष्ट्रीय स्पर्धा तक का सफर तय कर अन्य लड़कियों को भी प्रेरित करने का काम किया है।

किरण और हिताक्षी पठानकोट शहर के समीप लमीनी की रहने वाली हैं व आर्य ग‌र्ल्स सीसे स्कूल शाहपुर चौक की छात्राएं हैं। किरण प्लस टू तो हिताक्षी नौवीं में पढ़ाई कर रही है। दोनों की खेल प्रतिभा को देखकर स्कूल प्रबंधन ने उनका पढ़ाई शुल्क भी माफ कर दिया है। हाल ही में रोपड़ में आयोजित स्टेट स्विमिग चैंपियनशिप में दोनों ने उम्दा प्रदर्शन किया। यहां पर किरण ने तीन वर्गों में प्रतिनिधित्व किया और दो गोल्ड एवं एक सिल्वर मेडल नाम किया। दूसरी ओर हिताक्षी ने भी हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए दो गोल्ड एवं एक सिल्वर मेडल जीता। उनके खेल कौशल से प्रभावित होकर आयोजकों ने उनका चयन दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय स्पर्धा में किया है। दोनों खिलाड़ियों के आत्मिवश्वास एवं खेल भावना से स्कूल प्रबंधक भी प्रभावित है। दोनों बहनें अभी तक की सफलता के लिए परिवार, स्कूल प्रबंधन व कोच को श्रेय देती हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कमाना है नाम : किरण

किरण का कहना है कि उसे बचपन से ही खेलों का शौक है। वह स्विमिग में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना चाहती है। इसके लिए वह अभी से खुद को तैयार कर रही है। रोजाना अभ्यास के साथ ही कोच के मार्गदर्शन में गुर ले रही है।

देश के लिए खेलना सपना : हिताक्षी

हिताक्षी का कहना है कि वह अपनी बहन के साथ स्विमिग करती हैं। इस खेल में उसे भाग लेना अच्छा लगता है, अब प्रतियोगिता में अच्छा परिणाम आया है, इससे हौसला भी बढ़ा है। आगे जाकर वह राष्ट्रीय स्पर्धा में पदक पाने के साथ ही देश के लिए खेलना चाहती है।

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