चार साल से लड़ रही कुश्ती, माता-पिता का सहारा बन सुधारे घर के हालात

गांव खन्नी की ज्योति खेल के सहारे अपने घर के हालात सुधार रही है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 10:41 PM (IST) Updated:Wed, 23 Oct 2019 06:25 AM (IST)
चार साल से लड़ रही कुश्ती, माता-पिता का सहारा बन सुधारे घर के हालात
चार साल से लड़ रही कुश्ती, माता-पिता का सहारा बन सुधारे घर के हालात

कमल कृष्ण हैप्पी, जुगियाल : पठानकोट से सटे गांव खन्नी की ज्योति खेल के सहारे अपने घर के हालात सुधार रही है। उसने जब महिला रेस्लर बबिता फोगाट को देश के लिए गोल्ड मेडल जीतते देखा तो उसे अपना आदर्श बना लिया। ज्योति ने भी ठान लिया कि वह भी बबिता फोगाट की तरह कुश्ती में नाम रोशन करेगी। गरीब परिवार की ज्योति पिछले चार साल से पठानकोट के साथ दूसरे प्रदेशों में हुई प्रतियोगिताओं में भाग लेकर नाम चमका रही है। वहीं इन रुपयों से अपना व परिवार का पालन कर रही है। ज्योति की आयु इस समय करीब 16 वर्ष है, मगर घर के आर्थिक हालातों को सुधारने के लिए उसने बड़ा कदम उठाया है। छोटी सी उम्र में ही ज्योति ने कुश्ती में अपनी अहम पहचान बनाई है और पिता की आर्थिक मदद कर मिसाल कायम की है।

पहली बार दंगल में इनाम जीत कर भरी स्कूल की फीस

ज्योति ने बताया कि उनके पिता चैन सिंह गांव के छोटे किसान हैं, जिससे घर का गुजारा पूरा करना मुश्किल सा काम है। पिता जैसे-तैसे घर का खर्च पूरा तो कर रहे हैं, परंतु वह चाहते हुए भी परिवार की पूरी तरह से परवरिश नहीं कर पा रहे। ज्योति जब दसवीं क्लास में पहुंची तो उसके पिता चैन सिंह ने उसकी पढ़ाई जारी रखने में अपनी असमर्थता दिखाई। घर की आर्थिक हालत खराब होतेदेख ज्योति ने गांव में ही होने वाले छिज मेले में पुरुष वर्ग से कुश्ती करने का बड़ा फैसला ले लिया। इस दौरान ज्योति ने दंगल में जीत कर पहली बार 500 रुपये का ईनाम हासिल कर अपनी फीस को अदा किया।

बन रही पिता का सहारा

गांव खन्नी की ज्योति ने अपने पिता का सहारा बनने के लिए कुश्ती में कदम रखा। इसके बाद अलग-अलग गांवों मे महिला वर्ग की कुश्ती में कई इनाम हासिल किए और अपनी पढ़ाई को जारी रखा। ज्योति ने खेल के बलबूते पर परिवार को बल दिया। ज्योति अब तक पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर गांव सत्र के छिज मेलों में कई इनाम जीतने के साथ-साथ दिल्ली, जयपुर राष्ट्रीय ग्रेपलिग में भाग लेकर अपनी कुश्ती का लोहा मनवाया चुकी है।

शानदार प्रदर्शन कर हासिल किया गोल्ड

2017 में रोहतक में हुई महिला मिनी गोल्ड चैंपियनशिप में ज्योति ने 40 किलो-वर्ग में दिल्ली की पहलवान को हराकर गोल्ड हासिल किया और नकद इनाम प्राप्त किया। इसके बाद वर्ष 2018 में जयपुर में हुई राष्ट्रीय ग्रेपलिग प्रतियोगिता में भाग लिया और मात्र एक अंक से जीत से चूक गई और सिल्वर मेडल हासिल किया।

बबीता फोगाट को आदर्श मानती है ज्योति

ज्योति स्कूल स्तर पर बैडमिटन और कबड्डी की खिलाड़ी थी। ज्योति बताती है कि जब उसने बबीता फोगाट को देश के लिए गोल्ड मेडल जीतते देखा तो उसके बबीता को अपना आदर्श बना लिया। इसके बाद स्कूल के अध्यापकों की मदद से महिला कुश्ती में भाग लेना शुरू किया और पीछे मुड़कर नहीं देखा। ज्योति कहती है कि वह बबीता फोगाट की तरह देश के लिये कुछ करना चाहती है और पुलिस अथवा सैना में भर्ती होकर साथ में देश की सेवा कर अपने माता पिता का नाम रोशन करना चाहती है।

chat bot
आपका साथी