जिले में अभी शुरू नहीं हुई गेहूं की आमद

शनिवार को सरकारी स्तर पर प्रदेश की विभिन्न मंडियों में गेहूं की आमद शुरू हो गई है। हालांकि जिला में अभी दो-तीन बाद मंडियों में गेहूं पहुंचना शुरू होगा।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 09:55 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 09:55 PM (IST)
जिले में अभी शुरू नहीं हुई गेहूं की आमद
जिले में अभी शुरू नहीं हुई गेहूं की आमद

जागरण संवाददाता, पठानकोट : शनिवार को सरकारी स्तर पर प्रदेश की विभिन्न मंडियों में गेहूं की आमद शुरू हो गई है। हालांकि जिला में अभी दो-तीन बाद मंडियों में गेहूं पहुंचना शुरू होगा। हालांकि, सरकारी स्तर पर खरीद व लिफ्टिंग को लेकर सारी तैयारियां पूरी हो चुकी है।

कोविड-19 को देखते हुए इस बार गेहूं की लिफ्टिंग को लेकर कई प्रकार के बदलाव किए गए हैं। इस बार मर्जी से नहीं बल्कि सरकार द्वारा जारी हिदायतों के तहत किसान सुबह 10 बजे से लेकर शाम छह बजे तक ही मंडी में फसल बेच सकेंगे। सरकार ने भी गेहूं की अदायगी को लेकर इस बार आढ़तियों की बजाय किसानों के खातों में सीधे भुगतान करने की बात कही है। इस पर आढ़ती एसोसिएशन ने एतराज जताया है। किसानों की इस विषय पर मिलीजुली प्रतिक्रिया है।

आढ़तियों के खाते में भुगतान की योजना ही ठीक : अमरजीत

किसान अमरजीत सिंह का कहना है कि सरकार ने इस बार गेहूं की अदायगी सीधे किसानों के खाते में करने की जो बात करने का जो फैसला किया है। उसकी बजाय आढ़तियों के खाते वाला सिस्टम बढि़या है। कारण, फसल की अदायगी तो साल में दो बार ही होनी है परंतु आढ़तियों से उनका पूरा साल कारोबार चलना है। आढ़तियों से ज्यादा रहता है काम : गुरपाल सिंह

किसान गुरपाल सिंह का कहना है कि आढ़तियों से उनका ज्यादा मेल मिलाप होता है। कई बार उनसे कर्जा लेकर काम चलाना पड़ता है। कारण, हर वक्त पैसा होना भी इतना आसान नहीं है। ऐसे में उनके खाते में ही सरकार सीधी अदायगी करे तो ज्यादा बेहतर है। इससे उनका मेल-मिलाप भी चलता रहेगा।

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