कर्मचारियों की मांगों को लेकर भूख हड़ताल जारी

सुजानपुर/मलिकपुर पंजाब यूटी कर्मचारी पेंशनर तालमेल संघर्ष फ्रंट कमेटी की डीसी दफ्तर कांप्लेक्स के समक्ष वीरवार को दूसरे दिन भी भूख हड़ताल जारी रही। इस दौरान रजिदर धीमान गुरदीप सफरी महेंद्र पाल बलदेव राज अमरदीप सिंह पुनीत सैनी सुखविदर शर्मा व कमल किशोर ने कहा कि आने वाले समय में संघर्ष को और तीखा किया जाएगा। पंजाब सरकार कर्मचारियों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिसके चलते दस मार्च तक तक भूख हड़ताल कर निर्णय लिया गया है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 10:51 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 10:51 PM (IST)
कर्मचारियों की मांगों को लेकर भूख हड़ताल जारी
कर्मचारियों की मांगों को लेकर भूख हड़ताल जारी

संवाद सहयोगी, सुजानपुर/मलिकपुर

पंजाब यूटी कर्मचारी, पेंशनर तालमेल संघर्ष फ्रंट कमेटी की डीसी दफ्तर कांप्लेक्स के समक्ष वीरवार को दूसरे दिन भी भूख हड़ताल जारी रही। इस दौरान रजिदर धीमान, गुरदीप सफरी, महेंद्र पाल, बलदेव राज, अमरदीप सिंह, पुनीत सैनी, सुखविदर शर्मा व कमल किशोर ने कहा कि आने वाले समय में संघर्ष को और तीखा किया जाएगा। पंजाब सरकार कर्मचारियों की मांगों की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिसके चलते दस मार्च तक तक भूख हड़ताल कर निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि आठ मार्च को पंजाब सरकार का पुतला जलाया जाएगा। सरकार की ओर से नए कर्मचारियों की भर्ती केंद्रीय वेतनमान पर करने का जो फैसला लिया गया है, उसका वे विरोध करते हैं। वहीं छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट पेश न करना साजिश है, ताकि कर्मचारियों को इसका लाभ न मिले। सरकार ने अभी तक महंगाई भत्ते की बकाया किस्त तथा उनके एरियर संबंधी कोई कार्रवाई नहीं की है। इस अवसर पर डा. लेखराज, गुरनाम सिंह सैनी, नरेश कुमार सत्य प्रकाश, रजिदर धीमान व अन्य भूख हड़ताल पर बैठे।

इस मौके पर मनोहर लाल, थोड़ू राम, द्वारकानाथ, अश्विनी कुमार, बलवंत सिंह, मोहन सिंह बलवंत, अजय आदि उपस्थित थे।

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ये हैं प्रमुख मांगें

बिना देरी के महंगाई भत्ते तथा एरियर जारी करें। छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट जनवरी 2016 से जारी करके कर्मचारियों को इसका लाभ दें। पुरानी पेंशन बहाल की जाए। डीए बकाया किस्त जारी की जाए। ठेकेदारी प्रथा बंद की जाए। सभी कर्मचारियों को कैशलेस सुविधा दी जाए। अस्थायी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। वार्षिक जजिया टैक्स 2400 बंद किया जाए। मोबाइल भत्ते की कटौती वापस ली जाए। समान कार्य समान वेतन दिया जाए। पूरे स्केल पर भर्ती की जाए हैं।

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