एमईएस में नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े छह लाख रुपये ठगे

पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 420 46

By JagranEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 10:20 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 10:20 PM (IST)
एमईएस में नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े छह लाख रुपये ठगे
एमईएस में नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े छह लाख रुपये ठगे

संवाद सहयोगी, सुजानपुर: एमईएस में नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से साढ़े छह लाख रुपये की ठगी होने का मामला सामने आया है। इस केस में पुलिस ने तीन आरोपितों के खिलाफ सोमवार को केस दर्ज किया है।

थाना प्रभारी सुरेंद्र पाल ने बताया कि जगदीश कुमार निवासी पराल खरासा की ओर से पुलिस को शिकायत दी गई है कि आरोपित बोधराज निवासी तरेटी थाना शाहपुरकंडी, दिलबाग सिंह निवासी गोगूगाजी थाना गुमनकला बटाला और रवेल सिंह निवासी चंदूसुजा थाना फतेहगढ़ ने उससे एमईएस में नौकरी दिलाने के नामपर साढ़े छह लाख रुपये ठगे हैं। पुलिस ने प्राथमिक जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 468, 471 व 120 के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस के मुताबिक फिलहाल तीनों आरोपित फरार हैं और उनकी धरपकड़ शुरू कर दी गई है।

थाना प्रभारी सुरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि जल्द ही तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि इससे पहले भी एमईएस में नौकरी दिलाने के नामपर ठगी करने के कई मामले सामने आ चुके हैं। जाली दस्तावेज भी स्पीड पोस्ट किए और जम्मू में रिटन टेस्ट भी लिया था: जगदीश कुमार

जगदीश कुमार ने आरोप लगाया है कि मास्टर बोधराज, रवेल सिंह और दिलबाग सिंह ने उसे एमईएस में नौकरी दिलाने के नाम पर मार्च 2016 को दो लाख रुपये नकद लिए और जाली दस्तावेज स्पीड पोस्ट कर उसके घर भेज दिए। उसके बाद 2019 में आरोपितों द्वारा उससे साढ़े चार लाख रुपये लिए। पीड़ित की मानें तो 11 मई 2016 को कठुआ के एक ढाबे में दिलबाग सिंह ने उसे बताया था कि कहा कि उसका इंटरव्यू हो गया है। उसके बाद 5 जुलाई 2016 को माधोपुर में बोधराज, रवेल सिंह और दिलबाग सिंह ने उसे कहा कि उसका एडमिट कार्ड डाक से उसके घर भेज दिया गया है। 29 नवंबर 2016 को उसे कुंजवानी बाईपास जम्मू एक होटल में बुलाया गया। वहां पर 20 से 25 लड़के और भी मौजूद थे। होटल में मास्टर बोधराज, रवेल सिंह और दिलबाग सिंह तथा एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा उनका रिटन टेस्ट लिया गया। आरोपितों द्वारा इसके बाद अगस्त 2019 में उसे डाक द्वारा नियुक्ति पत्र भेजा गया। उसमें सिलीगुड़ी वेस्ट बंगाल में ज्वाइन करने के लिए कहा गया था। पर इसके बाद जब वो ज्वाइन करने गया तो उससे बोधराज द्वारा नियुक्ति पत्र ले लिया गया और एक हल्फनामा देकर कहा गया कि उसके पैसे उसे लौटा दिए जाएंगे।

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