वन विभाग ने शुरू की पेड़ों की गिनती, सभी रेंज अधिकारियों की लगी ड्यूटी, चार लाख वृक्ष बढ़ने की संभावना

वन विभाग ने पेड़ों की गिनती शुरू की है। इसके लिए सभी रेंज अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 05:30 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 05:30 AM (IST)
वन विभाग ने शुरू की पेड़ों की गिनती, सभी रेंज अधिकारियों की लगी ड्यूटी, चार लाख वृक्ष बढ़ने की संभावना
वन विभाग ने शुरू की पेड़ों की गिनती, सभी रेंज अधिकारियों की लगी ड्यूटी, चार लाख वृक्ष बढ़ने की संभावना

जागरण संवाददाता, पठानकोट : वन विभाग ने पेड़ों की गिनती शुरू की है। इसके लिए सभी रेंज अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। हालांकि यह काम मार्च से शुरू होना था, लेकिन कोरोना व अन्य कारणों से शुरू नहीं हो पाया। वन अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है, जो अंतिम चरण में है। इस बार करीब चार लाख वृक्षों की संख्या बढ़ने की संभावना है। वन विभाग पेड़ों की गणना हर पांच साल में एक बार करता है।

दरअसल पिछले पांच साल पहले जिन पौधों को वन विभाग ने लगाया था, लगातार उनकी देखभाल की जा रही थी। अब उन पौधों की गिनती करवाई जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि कितने पौधे पेड़ बन चुके हैं और कितने पेड़ सूख चुके हैं या कितने पेड़ों की अवैध कटाई हुई है। विभागीय अधिकारी बताते हैं कि जिन पेड़ों की मोटाई 30 सेंटीमीटर से अधिक होती है। इससे कम गर्त होने पर वन विभाग उन्हें पौधा मान लेता हैं। पांच साल के अंदर वन विभाग ने कितने पेड़ लगाए और कितनों की हुई कटाई। कितने अवैध रुप से काटे गए का जायजा लेने के लिए विभाग की तरफ से पेड़ों की नंबरिग की जा जाएगी। वनाच्छदित एरिया के अधीन 33 जिले को प्रतिशत रकबे की जरूरत है, परंतु लंबे प्रयासों के बाद भी विभाग 23 प्रतिशत लक्ष्य को ही प्राप्त कर सका है। 13726.38 हेक्टेयर वनों के अधीन आता रकबा

वन विभाग रकबा बढ़ाने में लगा है। इस समय वन विभाग का रकबा करीब 13726.38 हेक्टेयर। एक दशक में वन विभाग का रकबा 2.50 फीसद बढ़ा है। इसमें सबसे बड़ी बाधा सरकारी जमीन पर प्रभावशाली लोगों का अवैध रूप से कब्जा है। कब्जाधारियों को हटाने में विकास के पसीने छूट रहे हैं। वन विभाग के रिकार्ड के मुताबिक चार साल में चार सौ एकड़ जमीन छुड़ाई गई है। इसकी अनुमानित कीमत 200 करोड़ रुपये से भी अधिक है। पंचायते वन विभाग को पौधारोपण के लिए पंचायती जमीने देने को राजी हो रही हैं। निगरानी से वृक्षों की अवैध कटाई की घटनाओं में आई कमी

वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी अवैध कटाई पर रोक लगाने के लिए लगातार गश्त करते रहते हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसकी वजह से पेड़ों की अवैध कटाई की घटनाओं में काफी कमी आई है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है। अगर कही भी कोई पेड़ काटने की घटना होती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। रेंज अधिकारी मुकेश क कहना है कि यह पांच साल के बाद पेड़ों की गिनती की जाती है। यह एक प्रक्रिया है। इसके माध्यम से यह यह पता लगाते हैं कि कितने पेड़ हैं। धार क्षेत्र को छोड़ कर सभी जगह यह काम चल रहा है।

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