डेंगू से पठानकोट में पहली मौत तीन दिन पहले हुई, बुधवार के विभाग ने कहा- मामला संदिग्ध, कमेटी गठित कर जांच करेंगे

डेंगू की पाजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सोमवार को शहरी इलाके में रहने वाली 58 वर्षीय महिला को डेंगू वार्ड में किया गया था भर्ती। सोमवार रात को ही हो गई थी मौत। वहीं बुधवार को 39 नए डेंगू पाजिटिव मरीज मिले हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 02:24 AM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 02:24 AM (IST)
डेंगू से पठानकोट में पहली मौत तीन दिन पहले हुई, बुधवार के विभाग ने कहा- मामला संदिग्ध, कमेटी गठित कर जांच करेंगे
डेंगू से पठानकोट में पहली मौत तीन दिन पहले हुई, बुधवार के विभाग ने कहा- मामला संदिग्ध, कमेटी गठित कर जांच करेंगे

जागरण संवाददाता, पठानकोट : डेंगू वार्ड में भर्ती एक महिला की मौत हो गई है। उसकी रिपोर्ट 25 अक्टूबर को डेंगू पाजिटिव आई थी। हालांकि सेहत विभाग अब भी इसे संदिग्ध मान रहा है। उनका कहना है कि एक कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें सारी रिपोर्ट व कारणों का मुआयना किया जाएगा। इसके बाद ही कुछ कहा जाएगा। आश्चर्य वाली बात यह है कि महिला की मौत दो दिन पहले ही हुई थी। अब बात सामने आने के बाद कर्मचारी सहित अधिकारी भी चितित है। उनका कहना है कि पाजिटिव मरीजों के स्वस्थ होने की दर जिले में सबसे ज्यादा है। यह इस वर्ष डेंगू से पहली मौत है। वहीं बुधवार को 39 नए मरीज मिले हैं।

डेंगू के लगातार बढ़ रहे मामलों से सेहत विभाग के अधिकारी पहले से ही परेशान हैं। केवल राहत वाली बात यह थी कि स्वस्थ होने का आंकड़ा अधिक था। डेंगू से हुई मरीज की मौत ने सेहत विभाग के अधिकारियों को भी सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। जानकारी मुताबिक शहरी इलाके की ही एक 58 वर्षीय महिला बुखार से पीड़ित थी। शरीर में भी दर्द था। शुरू में उसे स्वजनों ने उसे एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया। दो दिन इलाज के बाद डाक्टर ने उसे स्वस्थ करार देते हुए घर भेज दिया। दो दिन घर पर रहने के बाद उसकी तबीयत अचानक से खराब हो गई। सोमवार सुबह उसे सिविल अस्पताल लाया गया। जांच करने पर पता चला कि महिला के सेल 51 हजार बचे हैं। डेंगू पाजिटिव होने के कारण उसे डेंगू वार्ड में भर्ती किया गया और सोमवार रात को ही उसकी मौत हो गई। इसे चिकित्सकों ने उजागर नहीं किया। बताया जा रहा है कि मौत की सूचना मिलते ही सभी वार्ड में भर्ती सभी लोग सहम गए थे। वार्ड छोड़ बाहर निकल गए थे।

उधर, सेहत विभाग के कर्मचारी व अधिकारी घर-घर जाकर लोगों को लगातार डेंगू के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं। पंपलेट बांटकर और डेंगू से बचाव के उपाय बता रहे हैं। बुधवार को भी शहर के कई इलाकों में मुहिम चलाई गई है। जिला एपिडेमोलाजिस्ट डा. साक्षी ने बताया कि घरों की छतों पर रखे गैर जरूरी सामान में बरसात के समय पानी भर जाता है जिससे मच्छर का लारवा पैदा होने का डर रहता है। मल्टीपर्पज सुपरवाइजरों व वर्करों की टीमें बनाकर शहरी क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में नगर कौंसिल के सहयोग से बड़े स्तर पर डेंगू के खिलाफ जागरूकता मुहिम चलाई जा रही है, जहां लारवा मिलता है वहां स्प्रे करवाई जा रही है। लोगों को जानकारी दी जा रही है कि डेंगू से बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखें और साफ पानी को जमा न होने दें। बदन दर्द, सिर दर्द, तेज बुखार, चक्कर, उल्टी आदि डेंगू के लक्षण हो सकते हैं, ऐसे में तुरंत डॉ. से संपर्क करें। सुबह शाम पूरे कपड़े पहने। लोगों को बताया गया कि डेंगू का मच्छर सबसे ज्यादा दिन के समय में एक्टिव रहता है और हाथ पैर जैसे शरीर के खुले पा‌र्ट्स पर काटता है। उन्होंने बताया कि सिविल सर्जन डा. रुविदर कौर के निर्देशानुसार फागिग करवाई जा रही है। 2016 में हुई थी मौत

बता दें कि इससे पहले डेंगू के कारण अक्टूबर 2016 में एक युवक मौत हुई थी। पांच साल बाद यह दूसरा केस है जब जिले में किसी की डेंगू से मौत हुई हो। लोगों का कहना है कि अगर सफाई समय पर होती तो यह स्थिति न होती। डेंगू के इस साल सबसे ज्यादा केस आ रहे हैं। पांच साल के अंदर कभी भी इनके केस नहीं आए थे। प्रशासन की गलती के कारण ऐसा हुआ है। डेंगू की रिपोर्ट

बुधवार को हुए डेंगू टेस्ट : 81

कुल पाजिटिव :39

अब तक कुल टेस्ट : 2623

जिले में कुल पाजिटिव : 1330

शहरी इलाकों में मिले मरीज : 1069

ग्रामीण इलाकों से मिले मरीज : 261

अन्य जिले के शहर में मिले मरीज : 16

अन्य राज्यों के शहर में मिले मरीज: 14

पिछले सात दिनों में मिले कुल मरीज : 241 कमेटी करेगी मरीज की रिपोर्ट की जांच: डा. साक्षी

जिला एपिडेमोलाजिस्ट डा. साक्षी ने बताया कि महिला की मौत का मामला संदिग्ध है। इसके लिए विभाग की ओर से कमेटी गठित की जाएगी। रिपोर्ट की जांच की जाएगी।

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