बेमौसमी बारिश से उड़ी नींद
सिचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर जिले के अर्धपहाड़ी क्षेत्र धारकलां के किसान अत्यधिक वर्षा होने के कारण चितित हो गए हैं। किसानों का कहना है कि साल की शुरूआत में जो बारिश हुई थी उससे गेहूं की फसल को लाभ हुआ लेकिन अब बसंत निकलने के बाद भी बारिश होने के कारण फसल को नुकसान हो सकता है।
राजीव कुमार, दुनेरा : सिचाई के लिए बारिश के पानी पर निर्भर जिले के अर्धपहाड़ी क्षेत्र धारकलां के किसान अत्यधिक वर्षा होने के कारण चितित हो गए हैं। किसानों का कहना है कि साल की शुरूआत में जो बारिश हुई थी उससे गेहूं की फसल को लाभ हुआ, लेकिन अब बसंत निकलने के बाद भी बारिश होने के कारण फसल को नुकसान हो सकता है। जरूरत से ज्यादा बारिश फसल के लिए सही नहीं है। किसानों का कहना है कि पर्याप्त मात्रा से ज्यादा बारिश हो रही है और यह गेहूं की फसल के लिए खतरा है। काबिलेगौर हो कि अर्धपहाड़ी क्षेत्र धारकलां के किसानों के पास सिचाई के लिए कृत्रिम संसाधनों की कमी है। ऐसे में किसान सिचाई के लिए बारिश के पानी पर ही निर्भर हैं। ऐसे में गेहूं की फसल के लिए क्षेत्र में हुई बारिश से इस बार किसान वर्ग बहुत खुश था, मगर बीते दिन से लगातार हो रही वर्षा के कारण अब किसानों के चेहरे मुरझाने लगे हैं। कारण यह है कि लगातार हो रही बारिश से खेतों में पानी खड़ा होने का डर बन गया है। वर्षा के कारण गेहूं की फसल पीली पड़ने लगी है।
लगातार बारिश नहीं सही
किसान नसीब सिंह ने बताया कि इस बार गेहूं की फसल के सीजन की शुरूआत में ही वर्षा हो गई थी जिससे फसल बोने का काम समय पर हो गया था। लेकिन, अब लगातार हो रही बारिश के कारण नुकसान होने का डर बना हुआ है।
फसल खराब होने के आसार
किसान रूपेश ने बताया कि लगातार हो रही बेमौसमी वर्षा के कारण उनकी गेहूं की फसल पूरी तरह खराब होने के आसार पर है। अगर यह बारिश इसी प्रकार चलती रही तो गेहूं की फसल पीली हो सकती है।
पक रही गेहूं, अब वर्षा नहीं सही
किसान बिशन सिंह ने बताया कि क्षेत्र की पूरी खेती वर्षा पर निर्भर है, लेकिन इस बार वर्षा ज्यादा हो रही है जिसके चलते अब उनकी फसलें खराब होना शुरू हो गई हैं। गेहूं की फसल के पकने का समय नजदीक आ रहा है। ऐसे में बारिश सही नहीं है।