बरसात की तैयारी : बड़े नालों पर जोर, छोटी नालियों की नहीं ली जा रही सूध
पंजाबी कहावत अग्गा दौड़ ते पीछा छौड़ की कहावत निगम की कार्यप्रणाली पर पूरी तरह से फिट बैठती है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: पंजाबी कहावत 'अग्गा दौड़ ते पीछा छौड़' की कहावत निगम की कार्यप्रणाली पर पूरी तरह से फिट बैठती है। शहर के बड़े नालों को साफ करवाने के काम में निगम जहां तेजी से भाग रहा है, वहीं छोटी नालियों की सफाई का उचित प्रबंध न होने के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। कारण, मौसम ए बरसात सिर पर है और नालों की भांति नालियों की सफाई व्यवस्था का काम अभी बीच अधर में है।
दैनिक जागरण द्वारा शहर के विभिन्न एरिया का दौरा किया तो देखा कि बड़े नालों को साफ करवाने को लेकर निगम अधिकारी अपना पूरा ध्यान लगा रहे हैं, लेकिन मोहल्लों से गुजरने वाली छोटी नालियों की स्थिति ज्यादा बेहतर नहीं है। नालियां ब्लाक दिखीं, जिस कारण पानी की निकासी भी उचित तरीके से नहीं हो पा रही। हालांकि, शहर के कई इलाकों में नालियों से निकाले गए कूड़े के ढेर एक साइड पर देखने को मिले, लेकिन जितने ढेर लगे हैं उसका कूड़ा दोबारा नालियों में गिर रहा है। जागरण ने शहर के रामपुरा, भदरोया, बजरी कंपनी, कालेज रोढ, राजिद्र नगर, चार मरला आदि का दौरा किया तो देखा कि ज्यादातर इलाकों में नालियां ओवरफलो दिखी। इस कारण पानी की निकासी भी उचित ढंग से नहीं हो पा रही थी। लोग बोले- कर्मचारी नालों की सफाई के साथ-साथ नहीं उठाते गार और गंदगी
वार्डवासियों राजू शर्मा, प्रभदीप, मीनू, आशा रानी, राकेश कुमार आदि ने बताया कि छोटी नालियों की सफाई रोजाना नहीं होती। उन्होंने कहा कि कर्मी सप्ताह बाद नाली से गार निकालने के बाद उसे एक-दो दिन बाद लिफ्ट करते हैं, जबकि इस दौरान नालियों में फिर से उतनी गंदगी हो जाती है। उन्होंने कहा कि भले नालियों को रोजाना साफ करना मुश्किल है परंतु चार-पांच दिन के अंतराल में नालियों को साफ करने के बाद उसी दिन गंदगी और गार की लिफ्टिग हो जाए तो काफी फर्क नजर आएगा। कहा क नालियां ब्लाक होने के कारण उससे बदबू उठने लगती है। अगले कुछ दिनों बाद बरसात शुरु हो जाएगी, जिसके बाद तो समस्या और ज्यादा बढ़ जाएगी। फिलहाल बड़े नालों को बरसात से पहले साफ कराने पर फोकस: सुपरिटेंडिंग इंजीनियर
उधर, इस संदर्भ में जब निगम के सुपरिटेंडिग इंजीनियर सुरजीत सिंह से बात की तो उनका कहना था कि फिलहाल, बड़े नालों को बरसात से पहले साफ करवाने पर ध्यान दिया जा रहा है। छोटी गलियां व मोहल्लों में जो सफाई कर्मी काम करते हैं वही नालियां साफ करते हैं। अगर कहीं ज्यादा ब्लाकेज होती है तो ठेकेदार की ओर से वहां जेसीबी भेज कर समस्या का समाधान करवाया जाता है।