रेड फेज में आई समस्या, शहर में एक घंटे तक बाधित रही बिजली सप्लाई, व्यापारी बोले- अघोषित पावर कट कम हुए तो तकनीकी दिक्कतें शुरू हो गई
132केवी सब स्टेशन के सीनियर सब इंजीनियर विश्वजीत ने कहा कि दोपहर ढाई बजे तक गुरदासपुर के एरिया में रेड फेज में टेक्निकल समस्या आ गई थी जिसके चलते पहले आधा घंटा तक शहर की बिजली सप्लाई बंद रही।
जागरण संवाददाता, पठानकोट: बिजली कटों से कुछ दिन राहत मिलने के बाद विभाग ने दोबारा कट लगाने का काम शुरू कर दिया है। बुधवार को पावरकाम द्वारा पूरे शहर में एक घंटा का अघोषित कट लगा दिया गया। बिजली कट लगने से कारोबारियों को आर्थिक तौर पर नुकसान झेलना पड़ा। दोपहर 2:30 से लेकर 3:35 बजे तक बिजली सप्लाई बाधित रहने पर व्यापारियों ने विभागीय कार्यप्रणाली के खिलाफ रोष जताया है। उन्होंने कहा कि अगर इसी प्रकार चलता रहा तो पिछली बार की तरह इस साल भी कारोबारियों को आर्थिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ेगा। विभाग समस्या का समधान करे आमजन के साथ-साथ व्यापारियों को भी राहत पहुंचाए।
उधर, इस संदर्भ में 132केवी सब स्टेशन के सीनियर सब इंजीनियर विश्वजीत ने कहा कि दोपहर ढाई बजे तक गुरदासपुर के एरिया में रेड फेज में टेक्निकल समस्या आ गई थी, जिसके चलते पहले आधा घंटा तक शहर की बिजली सप्लाई बंद रही। फाल्ट बड़ा होने के कारण ठीक करने में आधे घंटे का और समय लग गया। दोपहर ढाई बजे बंद हुई शहर की लाइट 3:35 बजे बहाल हुई। पठानकोट व्यापार मंडल के चेयरमैन अनिल महाजन, प्रधान एसएस बावा, महासचिव मनिद्र सिंह लक्की व वरिष्ठ सदस्य अश्वनी महाजन ने कहा कि पहले कोयले की शार्टेज कहकर विभाग ने बिजली के अघोषित कट लगाए। इससे कारोबारियों को काफी ज्यादा नुक्सान हुआ है। बिजली न होने के कारण प्रोडक्शन नहीं हो पाई और ग्राहकों को सही समय पर सामान नहीं दे पाए। इसके बाद प्रदेश स्तर पर व्यापारी सड़कों पर उतरे तो सरकार ने आनन-फानन में कोयले की कमी को दूर कर इस पर नकेल डालने का प्रयास किया। दो-तीन दिन से कट कम हुए थे तो अब तकनीकी दिक्कत की बात कहकर कट लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फेस्टिवल सीजन पूरी तरह से पीक पर है। कारोबारियों को इससे बहुत उम्मीदें हैं। यही हाल रहा तो व्यापारियों के लिए पिछले साल जैसे ही हालात देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि व्यापारी महंगे दाम पर बिजली खरीदने को मजबूर हैं। इसके बावजूद इसके सरकार उन्हें बिजली सप्लाई मुहैया नहीं करवा पा रही। अनिल महाजन ने कहा कि विभाग में आइएएस तक अधिकारी संचालन कर रहे हैं। अगर तकनीकी दिक्कतों की बात का हवाला देकर विभाग इसी प्रकार कट लगाता रहेगा तो अधिकारियों के संचालन पर भी कई तरह की बाते उठती हैं। अभी तो बिजली की उतनी डिमांड भी नहीं है और विभाग का यह हाल है। जब डिमांड बढ़ेगी तब तो विभाग हाथ ही खड़े कर देगा।