साक्षत्कार: शिक्षकों की मेहनत से विद्यार्थियों की संख्या में हुआ इजाफा

कोरोना काल के दौरान क्या आई समस्याएं किस प्रकार इसका किया गया निदान क्या है विभाग की तैयारी उनपर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के उप जिला शिक्षा अधिकारी राजेश्वर सलारिया ने पठानकोट से दैनिक जागरण के संवाददाता नवीन कुमार से की बातचीत-

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 04:15 AM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 04:15 AM (IST)
साक्षत्कार: शिक्षकों की मेहनत से विद्यार्थियों की संख्या में हुआ इजाफा
साक्षत्कार: शिक्षकों की मेहनत से विद्यार्थियों की संख्या में हुआ इजाफा

कोरोना काल में विद्यार्थियों और अभिभावकों को कई प्रकार की समस्याओं को सामना करना पड़ा। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया। विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसको देखते हुए आनलाइन क्लासेज शुरू की गई। सरकारी स्कूल के बच्चों के लिए सबसे बड़ी समस्या मोबाइल फोन की आई। 11वीं और 12वीं के कक्षा के विद्यार्थियों को सरकार की ओर से मोबाइल फोन उपलब्ध करवा दिया गया, लेकिन बाकी बच्चों के पास फोन न होने के कारण परेशानी हुई। वहीं स्थानीय अधिकारियों की मेहनत के बदौलत जिले में विद्यार्थियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ। कोरोना काल के दौरान क्या आई समस्याएं, किस प्रकार इसका किया गया निदान, क्या है विभाग की तैयारी उनपर सीनियर सेकेंडरी स्कूल के उप जिला शिक्षा अधिकारी राजेश्वर सलारिया ने पठानकोट से दैनिक जागरण के संवाददाता नवीन कुमार से की बातचीत- प्रश्न: कोरोना काल के दौरान विद्यार्थियों के सामने किस प्रकार की समस्याएं आई और उसका निदान किस प्रकार किया?

उत्तर: कोरोना काल के दौरान सबसे बड़ी समस्या आनलाइन पढ़ाई की आ रही थी। इसे किस प्रकार मूर्त रूप देना है, यह चितनीय था, क्योंकि यह इतने बड़े स्तर पर यह पहली बार हो रहा था। बच्चों के साथ अभिभावकों को भी समझाया गया। होमवर्क की समस्या आ रही थी, जिसे शिक्षकों ने हल किया। आनलाइन ही विद्यार्थियों को होमवर्क दिया गया। शुरुआत में मोबाइल की कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। इसके बाद सरकार की ओर से जिले के 11वीं और 12वीं के 5973 विद्यार्थियों को फोन बांटे गए। प्रश्न: जिले में कोरोना काल के दौरान काफी अधिक बच्चों का दाखिला हुआ। इस पर क्या कहेंगे?

उत्तर= कोरोना काल के दौरान प्रदेश भर में दाखिला मुहिम चलाई गई। इसके लिए सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को विशेष तौर पर ड्यूटी लगाई गई। कोरोना काल के दौरान भी शिक्षा अधिकारी लगातार स्कूलों का औचक निरीक्षण करते रहे। अभिभावकों को प्रेरित किया गया। सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से जारी योजनाओं को बताया गया। इससे नए सत्र में प्री प्राइमरी से कक्षा पांच तक के नामांकन में काफी वृद्धि हुई। करीब पांच हजार निजी स्कूल से बच्चों ने नाम कटवाकर सरकारी स्कूल में दाखिला लिया। सरकारी स्कूलों मे 13 फीसद से ज्यादा बच्चों का दाखिला हुआ है। प्रश्न: फीस न देने की सूरत में काफी बच्चों का निजी स्कलों ने बच्चों का नाम काट दिया। ऐसी स्थिति में क्या कदम उठाए गए?

उत्तर: निजी स्कूलों के खिलाफ कुछ शिकायतें जिला शिक्षा कार्यालय में आई थी। इसकी जांच की गई, जांच के दौरान कोई भी शिकायतकर्ता सामने नहीं आया। इन स्कूलों को चेतावनी भी दी गई। सरकारी स्कूलों में काफी प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने दाखिला लिया। प्रश्न: अब आगामी क्या योजना है, कब से स्कूल खुलेंगे?

उत्तर: शनिवार को एक पत्र जारी किया गया है, लेकिन शिक्षा विभाग की ओर से अब तक स्कूल खोलने को लेकर कोई पत्र नहीं जारी किया गया है। आदेश मिलने के बाद इसपर अमल किया जाएगा। स्कूल खोलने को लेकर पूरी तरह से तैयारी की जाएगी।

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