निजीकरण के खिलाफ डाक्टरों ने शुरू किया का हस्ताक्षर अभियान, पूरे पंजाब के डाक्टरों के हस्ताक्षर होने के बाद डायरेक्टर हेल्थ के कार्यालय में लटकाया जाएगा बैनर

ये अभियान सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ डाक्टरों की तरफ से चलाया गया है। यह बैनर मंगलवार को गुरदासपुर जिले में भेजा जाएगा और उसके बाद धीरे-धीरे करके यह पंजाब के सभी जिलों के डाक्टरों के हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। जब यह हस्ताक्षर कार्य पूरा हो जाएगा तो उसके बाद आखिरी जिले के डाक्टर इस बैनर को डायरेक्टर हेल्थ चंडीगढ़ कार्यालय में लटका दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 11:06 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 11:06 PM (IST)
निजीकरण के खिलाफ डाक्टरों ने शुरू किया का हस्ताक्षर अभियान, पूरे पंजाब के डाक्टरों के हस्ताक्षर होने के बाद डायरेक्टर हेल्थ के कार्यालय में लटकाया जाएगा बैनर
निजीकरण के खिलाफ डाक्टरों ने शुरू किया का हस्ताक्षर अभियान, पूरे पंजाब के डाक्टरों के हस्ताक्षर होने के बाद डायरेक्टर हेल्थ के कार्यालय में लटकाया जाएगा बैनर

संवाद सहयोगी, पठानकोट: 'ज्वाइंट गवर्नमेंट डाक्टर्स कोआर्डिनेशन कमेटी' की ओर से जारी किए गए 'स्टाप प्राइवेटाइजेशन आप पब्लिक हेल्थ सेक्टर' के बैनर पर सामूहिक हस्ताक्षर अभियान की शुरूआत पहले सिविल अस्पताल से की गई। ये अभियान सरकार की निजीकरण नीति के खिलाफ डाक्टरों की तरफ से चलाया गया है। यह बैनर मंगलवार को गुरदासपुर जिले में भेजा जाएगा और उसके बाद धीरे-धीरे करके यह पंजाब के सभी जिलों के डाक्टरों के हस्ताक्षर करवाए जाएंगे। जब यह हस्ताक्षर कार्य पूरा हो जाएगा तो उसके बाद आखिरी जिले के डाक्टर इस बैनर को डायरेक्टर हेल्थ चंडीगढ़ कार्यालय में लटका दिया जाएगा। डाक्टरों की ओर से सोमवार को पैरलल ओपीडी जारी रखी गई।

सिविल में बैनर पर सिविल सर्जन डा. हरविदर, डा. राकेश सरपाल एसएमओ, डा. मदर मट्टू, डा. पुनीत गिल, डा. सुनील चंद, डा. राज कुमार, डा. शारिन, धीमान, डा. अभय गर्ग और परिधि के सभी डाक्टरों द्वारा हस्ताक्षर किए पैरलल ओपीडी में 513 लोगों की सेहत जांची, खुद के खर्च पर दी दवाई

पीसीएमएसए एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष डा. मदर मट्टू ने कहा कि सोमवार को पैरलल ओपीडी में 513 मरीजों की जांच हुई है और सभी डाक्टरों ने अपने खर्च मरीजों की सेहत जांच उन्हें निश्शुल्क दवा मुहैया करवाई गई है। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल 30 जुलाई तक जारी रहेगी। अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी तो सिविल सर्जन कार्यालय भी बंद करवा दिया जाएगा, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

chat bot
आपका साथी