आयुष्मान कार्ड बनाने में दूसरे नंबर पर पठानकोट, 89.4 फीसद लक्ष्य पूरा

लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग द्वारा शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कैंप लगाकर लाभ के अधीन आने वाले धारकों के कार्ड बनाने का काम चल रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इसी साल के अंत तक शेष सभी धारकों को भी कार्ड बनाकर सौंप दिए जाएंगे।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 06:51 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 06:51 AM (IST)
आयुष्मान कार्ड बनाने में दूसरे नंबर पर पठानकोट, 89.4 फीसद लक्ष्य पूरा
आयुष्मान कार्ड बनाने में दूसरे नंबर पर पठानकोट, 89.4 फीसद लक्ष्य पूरा

जागरण संवाददाता, पठानकोट: प्रदेश में बेशक आयुष्मान कार्ड बनाने के काम ने भले उतनी रफ्तार नहीं पकड़ी है, लेकिन जिला पठानकोट प्रदेश में दूसरे नंबर पर चल रहा है। जिले के लिए प्रशासन ने 1,77,006 फैमिलीज को इस योजना के अधीन कवर करने का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 90,133 फैमिलीज को कवर करते हुए 89.4 फीसद लक्ष्य पूरा कर लिया गया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग द्वारा शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कैंप लगाकर लाभ के अधीन आने वाले धारकों के कार्ड बनाने का काम चल रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इसी साल के अंत तक शेष सभी धारकों को भी कार्ड बनाकर सौंप दिए जाएंगे। कोरोना के कारण काम की रफ्तार कम हो गई थी, जो कि अब रफ्तार पकड़ रही है।

गौर हो कि तीन साल पहले केंद्र सरकार ने जरुरतमंद परिवारों को पांच लाख तक की मेडिकल सुविधा निश्शुल्क मुहैया करवाने के उद्देश्य से आयुष्मान कार्ड बनाने का काम शुरू किया था। इस काम को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने विभाग को आदेश किया है कि जिन लोगों के कार्ड अभी तक नहीं बन पाए हैं उनके कार्ड बनाने का काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके बाद संबंधित विभाग को लाभार्थियों तक पहुंचने का आदेश भी जारी हुआ है। योजना के तहत जिले में 14,732 लोगों ने कराया 15 करोड़ रुपये का इलाज

गौरतलब है कि योजना के तहत जिला पठानकोट में कुल 1,77,006 फैमिलीज को कवर करने का लक्ष्य रखा गया था। बीती 15 सितंबर तक जिले में 90,133 फैमिलीज को कवर करते हुए 89.4 फीसद लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। वहीं व्यक्तिगत तौर पर बात करें तो 2,35,452 लोगों के कार्ड बनाए गए हैं। इनमें से 14,732 कार्ड धारकों ने सरकारी अथवा प्राइवेट अस्पतालों में अपना उपचार करवाया है, जिसकी कुल राशि करीब 15 करोड़ रुपये बनती है। 30 रुपये शुल्क देकर बनवा सकते हैं कार्ड

सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए धारक से 30 रुपये का शुल्क लिया जाता है, जिसके बाद उसका कार्ड बन जाता है और वह सरकारी अथवा प्राइवेट अस्पतालों से पांच लाख तक की मेडिकल सुविधा प्राप्त कर सकता है।

तीन महीने पूरा करेंगे लक्ष्य : नोडल अधिकारी

उधर, आयुष्मान कार्ड के जिला नोडल अधिकारी डाक्टर त्रिलोक सिंह का कहना है कि कुल 1 लाख 77 हजार बनाए जाने वाले आयुष्मान कार्डों में से अभी तक 90 हजार 133 लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। शेष रहते धारकों के कार्ड अगले तीन महीने में बनाकर उन्हें सौंप दिए जाएंगे। विभाग द्वारा शहरी व ग्रामीण एरिया में कैंप लगाकर कार्ड बनाने का काम करवाया जा रहा है।

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