'डीएफएससी साब बिजी ने' लोग बोले- ये कहकर आम जनता को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा

दफ्तर के बाहर कोई कुर्सी तक नहीं है। जो भी डीएफएससी से मिलने आ रहा है उन्हें एक ही जवाब दिया जा रहा है कि डीएफएससी साहब बिजी ने।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 06:19 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 06:19 AM (IST)
'डीएफएससी साब बिजी ने' लोग बोले- ये कहकर आम जनता को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा
'डीएफएससी साब बिजी ने' लोग बोले- ये कहकर आम जनता को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा

जागरण संवाददाता, पठानकोट: अगर अपने राशन कार्ड संबंधी या किसी अन्य समस्या को लेकर जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी (डीएफएससी) से मिलना चाहते हैं एक बार सोच लें। क्योंकि वहां पर आपको लंब इंतजार करना पड़ सकता है। हो सके तो अपने साथ अपने साथ पानी की बोतल और कुछ खाने को जरूर ले जाएं और इसके साथ लंबे समय तक खड़े रहने का अभ्यास भी कर लें।

निर्मला व उनकी मां सीमा भी अपने राशन कार्ड संबंधी समस्या को लेकर डिपो होल्डर की शिकायत करने डीएफएससी से मिनले आई थीं। हालांकि आधे घंटे इंतजार के बाद भी वे उनसे नहीं मिल पाई। उन्होंने कहा कि काफी देर से खड़ी हैं और यहां ज्यादा लोग भी नहीं हैं फिर भी डीएफएससी से मिलने नहीं दिया जा रहा। पूछने पर एक ही बात कह रहे हैं कि साहब बिजी हैं। यही बात मौके पर खड़े अन्य लोगों ने भी बताई। उन्होंने कहा कि दफ्तर के बाहर कोई कुर्सी तक नहीं है। जो भी डीएफएससी से मिलने आ रहा है उन्हें एक ही जवाब दिया जा रहा है कि 'डीएफएससी साहब बिजी ने।' हमें ते यह भी नहीं पता कि डीएफएससी साहब को हमारे बाहर खड़े होने के बारे में पता भी है या नहीं। उन्होंने कहा कि हमारे साथ कई लोग मिलने आए थे, लेकिन वे भी इंतजार करके चले गए, लेकिन डीएफएससी से मिल नहीं पाए।

गौर हो कि जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी इस समय निर्मल सिंह हैं। उनके पास रोज राशन कार्ड में समस्या, राशन कार्ड में नाम दर्ज करवाने, नाम कटने, राशन वितरण में समस्या, डिपो होल्डर के खिलाफ शिकायत, नीला कार्ड बनाने के लिए आदि की समस्या को लेकर लोग आते हैं। कुछ लोग इसमें से ऐसे हैं, जो अपनी शिकायत सीधे डीएफएसी से करना चाहते हैं, लेकिन उनकी मुलाकात नहीं हो पाती। गेट पर मौजूद कर्मचारी बाहर की लोगों को इंतजार करने के लिए कहता है।

सीधी बात: अब से ऐसा नहीं होगा

जागरण संवादाता- लोगों की शिकायत है कि आप उनसे नहीं मिल रहे।

डीएफएससी- ऐसा नहीं है, मैं हर रोज लोगों से मिलता हूं। लोगों की समस्याओं का निदान करता हूं। जागरण संवादाता- मैं खुद दो दिन से आपके दफ्तर के बाहर सारी स्थिति को देख रहा था। मैंने कुछ फोटो भी खींची है। जो लोग आपसे मिलने के लिए आ रहे हैं उसे गेट पर मौजूद कर्मचारी बाहर खड़े होने के लिए कहता है। डीएफएससी- मैं सरकारी सेवक हूं। लोगों की शिकायत को सुनना और उसका निदान करना मेरा पहला काम है। मैं अभी कर्मचारी को बुलाकर कहता हूं कि जो भी आए उसे सीधे मुझसे मिलाया जाए, किसी को इंतजार न करवाया जाए। जागरण संवादाता- लोगों का कहना है कि उसकी समस्या भी आप तक नहीं पहुंचाई जाती है।

डीएफएससी-यह गलत है। अब से ऐसा नहीं होगा।

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