दैनिक जागरण ने जनसमस्याओं को बनाया मुद्दा, आमजन को दिलाई सुविधा

दैनिक जागरण समय-समय पर लोगों की परेशानियों को मुद्दे के रूप में उठाकर इसका समाधान भी करवाता है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 07:00 AM (IST)
दैनिक जागरण ने जनसमस्याओं को बनाया मुद्दा, आमजन को दिलाई सुविधा
दैनिक जागरण ने जनसमस्याओं को बनाया मुद्दा, आमजन को दिलाई सुविधा

विनोद कुमार, पठानकोट :

दैनिक जागरण समय-समय पर लोगों की परेशानियों को मुद्दे के रूप में उठाकर इसका समाधान भी करवाता है। इसी श्रृंखला के तहत दैनिक जागरण ने अपने बीस वर्ष के सफर के दौरान पठानकोट को तहसील से जिला का दर्जा दिलाया। वहीं, कौंसिल से निगम, ट्रैफिक समस्या व खेल स्टेडियम का भी निर्माण करवाया। 1.

2007 में पठानकोट को जिला बनाने का उठाया था मुद्दा

जागरण ने वर्ष 2007 में पठानकोट को जिला बनाने का मुद्दा उठाया था। जागरण ने अभियान के तहत जन-जन तक संदेश पहुंचाया। इतना ही नहीं समिति के साथ मिल कर जागरण ने शहर में होर्डिंग्स, बैनर आदि भी लगाए। इसके परसपर गुरदासपुर में इसका विरोध भी हुआ। लेकिन, तमाम विरोध के बावजूद भी दैनिक जागरण ने जिला बनाओ संघर्ष समिति के साथ मिल कर अपने अभियान को जारी रखा। गांव-गांव तक दैनिक जागरण समिति के साथ पहुंची। हस्ताक्षर अभियान, पंचायतों में प्रस्ताव डलवाने की आखिर पठानकोट को क्यों जिला बनाया जाना चाहिए के लिए लामबंद किया। 2012 के विस चुनाव से ठीक पहले जब पंजाब सरकार को यह आभास हो गया कि अगर उसे सत्ता में लौटना है तो उसे इन तीन सीटों के लिए पठानकोट को जिला घोषित करना ही पड़ेगा तो मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 27 जुलाई, 2011 को पठानकोट को 22वें जिले का दर्जा दे दिया।

. 2.

2008 में उठाया ट्रैफिक मुद्दा

दैनिक जागरण समाचार पत्र ही नहीं मित्र के तहत शहर में बेलगाम होती ट्रैफिक व्यवस्था को मुद्दे के रुप में उठाया। मुद्दे के दौरान यहां पुराने कंडम वाहनों तथा अतिक्रमण के कारण सिकुड़ती सड़कों की बात को प्रमुखता से उठाया। शहर के प्रबुद्ध लोगों को साथ जोड़ा, जिसके बाद जिला प्रशासन को समस्या के समाधान के लिए स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मिलकर हल निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिला प्रशासन ने कंडम वाहनों पर नकेल कसते हुए यहां पुराने वाहनों को बाहर किया, वहीं अतिक्रमणकारियों पर अभियान चलाकर सड़कों को मुक्त करवाया। अभियान के तहत आटो रिक्शा के लिए बस स्टैंड सहित चा स्थान निर्धारित किए व लाइटों वाले चौक में लगे बिजली के खंभों को अन्य स्थानों पर शिफ्ट करवया।

. 3.

नगर निगम बनाने के लिए उठाया मुद्द

वर्ष 2008 में ही दैनिक जागरण ने पठानकोट को नगर निगम बनाने के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया था। आर्थिक व भौगोलिक स्थिति से प्रदेश में छठे नंबर पर आने वाले पठानकोट को नगर निगम क्यों बनाना जरुरी है को लेकर लोगों को साथ जोड़ा। तत्कालीन विधायक व मंत्री मास्टर मोहन लाल ने इस मसले को गंभीरता से उठाया था। करीब दो वर्ष तक चले इस मुद्दे को भाजपा लीडरशिप ने भी तत्कालीन मुख्यमंत्री दबाब बनाया। तत्कालीन भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने मुख्यमंत्री के समक्ष मुद्दे को रखा जिसके बाद 2011 में ही जिला बनने के कुछ दिनों बाद पठानकोट को नगर निगम का दर्जा मिल गया। लेकिन, साथ जोड़े गए नए गांवों ने इसके खिलाफ कोर्ट में केस दायर किया। जिसे निपटाने में तीन साल का समय लग गया। 2015 में पहली बार निगम के चुनाव हुए और भाजपा ने 37 सीटें प्राप्त कर जीत का परचम लहराया। 4

मैदान है तो जहान है

वर्ष 2015 में दैनिक जागरण ने शहर में खेल स्टेडियम न होने के कारण खिलाड़ियों को पेश आ रही परेशानियों को मुद्दे के रुप में उठाया। दैनिक जागरण ने शहर के लगभग प्रत्येक वार्ड में जाकर खिलाड़ियों से चर्चा की। मैदान न होने के कारण गलियों में खेतों में खेल रहे खिलाड़ियों से बात कर उनकी मांग को उठाया। इसके बाद जागरण ने इस मसले को लेकर तत्कालीन विधायक अश्वनी शर्मा के समक्ष यह बात रखी। जिसके बाद विधायक ने पठानकोट के लिए खेल स्टेडियम की मांग की।2016 में खेल स्टेडियम पारित हुआ। छह महीनों के भीतर ही लमीनी में खेल स्टेडियम का काम शुरु हुआ।लमीनी में आज जिला स्तरीय खेल स्टेडियम है यहां पर विभिन्न स्कूलों, कालेजों व खिलाड़ी प्रेक्टिस करने के साथ-साथ खेलते हैं।

chat bot
आपका साथी